सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद लाभकारी है. इस महीने आने वाले व्रत, त्योहार और शुभ तिथियां प्रभु की आराधना के उत्तम मानी गई हैं. चूंकि भगवान गणेश शिव के पुत्र हैं, इसलिए सावन में आने वाली संकष्टी चतुर्थी का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इसे अंगारकी गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है. सावन की संकष्टी चतुर्थी पर गणपति की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाए तो मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है. इस बार सावन मास की पहली संकष्टी चतुर्थी मंगलवार, 27 जुलाई को पड़ रही है.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व- संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणपति की आराधना करके विशेष वरदान प्राप्त किया जा सकता है और सेहत की समस्या को भी हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है.
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त- सावन मास की संकष्टी चतुर्थी मंगलवार, 27 जुलाई 2021 को शाम 03 बजकर 54 मिनट से लेकर
मंगलवार, 28 जुलाई 2021 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट तक रहेगी.
पूजन विधि- भगवान गणपति में आस्था रखने वाले लोग संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करके मनचाहे फल की कामना करते हैं. संकष्टी चतुर्थी पर सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं. स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें. भगवान गणपति के चित्र को लाल रंग का कपड़ा बिछाकर रखें. भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें.
भगवान गणपति के सामने दीया जलाएं और लाल गुलाब के फूलों से भगवान गणपति को सजाएं. पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, फूल तांबे के लौटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें. भगवान गणपति के सामने धूप दीप जलाकर निम्न मंत्र पढ़ें. यह मंत्र कम से कम 27 बार जरूर पढ़ें. इससे नौकरी व्यापार आदि में लाभ जरूर होगा.
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