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Sheetala Ashtami 2022 Date: इस दिन मनाया जाएगा शीतला अष्टमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आरती

Sheetala Ashtami 2022 Date: चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इसे बसोड़ा से नाम से भी जाना जाता है. शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है . आइए जानते हैं कब है शीतला अष्टमी, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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Sheetala Ashtami 2022 Date: इस दिन मनाया जाएगा शीतला अष्टमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आरती
Sheetala Ashtami 2022 Date: इस दिन मनाया जाएगा शीतला अष्टमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आरती
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शीतला अष्टमी होली के आठ दिन बाद मनाई जाती है
  • शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है

Sheetala Ashtami 2022 Date: कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है. शीतला अष्टमी होली के आठ दिन बाद मनाई जाती है. इसे गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल शीतला अष्टमी का त्योहार शुक्रवार, 25 मार्च 2022 को मनाया जाएगा. शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है. लोग शीतला अष्टमी के एक दिन पहले ही भोग तैयार कर लेते हैं, और इसे दूसरे दिन माता को चढ़ाया जाता है. 

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शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त  (Sheetala Ashtami 2022 Shubh Muhurat)

शीतला अष्टमी शुक्रवार, मार्च 25, 2022 को

शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त - सुबह 06:29 बजे से शाम 06:41 बजे तक
अवधि - 12 घण्टे 12 मिनट्स

अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 25 मार्च 2022 को 12 बजकर 9 मिनट से शुरू

अष्टमी तिथि समाप्त - 25 मार्च 2022 को 10 बजकर 4 मिनट तक

शीतला अष्टमी आरती (Sheetala Ashtami Arti)

॥ श्री शीतला माता की आरती ॥
जय शीतला माता,मैया जय शीतला माता.

आदि ज्योति महारानीसब फल की दाता॥

ॐ जय शीतला माता....

रतन सिंहासन शोभित,श्वेत छत्र भाता.

ऋद्धि-सिद्धि चँवर डोलावें,जगमग छवि छाता॥

ॐ जय शीतला माता....

विष्णु सेवत ठाढ़े,सेवें शिव धाता.

वेद पुराण वरणतपार नहीं पाता॥

ॐ जय शीतला माता....

इन्द्र मृदङ्ग बजावतचन्द्र वीणा हाथा.

सूरज ताल बजावैनारद मुनि गाता॥

ॐ जय शीतला माता....

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घण्टा शङ्ख शहनाईबाजै मन भाता.

करै भक्त जन आरतीलखि लखि हर्षाता॥

ॐ जय शीतला माता....

ब्रह्म रूप वरदानीतुही तीन काल ज्ञाता.

भक्तन को सुख देतीमातु पिता भ्राता॥

ॐ जय शीतला माता....

जो जन ध्यान लगावेप्रेम शक्ति पाता.

सकल मनोरथ पावेभवनिधि तर जाता॥

ॐ जय शीतला माता....

रोगों से जो पीड़ित कोईशरण तेरी आता.

कोढ़ी पावे निर्मल कायाअन्ध नेत्र पाता॥

ॐ जय शीतला माता....

बांझ पुत्र को पावेदारिद्र कट जाता.

ताको भजै जो नाहींसिर धुनि पछताता॥

ॐ जय शीतला माता....

शीतल करती जन कीतू ही है जग त्राता.

उत्पत्ति बाला बिनाशनतू सब की माता॥

ॐ जय शीतला माता....

दास नारायणकर जोरी माता.

भक्ति आपनी दीजैऔर न कुछ माता॥

ॐ जय शीतला माता....

शीतला अष्टमी महत्व (Sheetala Ashtami 2022 significance)

शीतला अष्टमी का व्रत महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए रखती हैं. माना जाता है कि शीतला अष्टमी का व्रत रखने से परिवार के सदस्यों को किसी प्रकार का रोग नहीं लगता. इस दिन व्रत रखने और शीतला माता की पूजा करने से परिवार के सदस्य सेहतमंद रहते हैं. 

शीतला अष्टमी के दिन क्यों लगाया जाता है माता को बासी भोजन का भोग

माना जाता है कि शीतला माता को बासी भोजन काफी प्रिय होता है. ऐसे में अइस दिन माता शीतला को प्रसन्न करने के लिए लोग बासी और ठंडे भोजन का भोग लगाते हैं. भारत के कुछ राज्यों में शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन के बाद से बासी भोजन नहीं किया जाता है. 

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शीतला अष्टमी पूजा विधि (Sheetala Ashtami 2022 Puja Vidhi)

इस दिन प्रात काल उठकर पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. साफ-सुथरे नारंगी रंग के वस्त्र धारण करें. पूजा करने के लिए दो थाली सजाएं. एक थाली में दही, रोटी, पुआ, बाजरा, नमक पारे, मठरी और सतमी के दिन बने मीठे चावल रखें. दूसरी थाली में आटे का दीपक बनाकर रखें. रोली, वस्त्र अक्षत, सिक्का और मेहंदी रखें और ठंडे पानी से भरा लोटा रखें. घर के मंदिर में शीतला माता की पूजा करके बिना दीपक जलाए रख दें और थाली में रखा भोग चढ़ाए. नीम के पेड़ पर जल चढ़ाएं.

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