पश्चिम बंगाल के दीघा में 20 एकड़ में फैला, कलिंग वास्तुकला पर आधारित जगन्नाथ मंदिर बनकर तैयार है. राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बने इस मंदिर को बनाने में 250 करोड़ रुपये की लागत आई और इसमें 800 से ज्यादा शिल्पकारों ने हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 अप्रैल, अक्षय तृतीया के दिन इस मंदिर का उद्घाटन करेंगी.
इस साल बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने नए नियम लागू किए हैं. मंदिर परिसर में अब फोटो और वीडियो लेना पूरी तरह प्रतिबंधित है और नियम तोड़ने पर ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही दर्शन के लिए स्लॉट सिस्टम, टोकन व्यवस्था और कपड़े के जूते-जुराब पहनने की सलाह जैसी कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा 6वें अवतार माने जाते हैं. परशुराम का उल्लेख रामायण, ब्रह्रावैवर्त पुराण और कल्कि पुराण आदि में मिलता है. एक ऋषिपुत्र होने के बावजूद भगवान परशुराम एक कुशल योद्धा भी थे और उनके शस्त्र का नाम था फरसा. लेकिन, आज भी उनका वह फरसा झारखंड के गुमला जिले के टांगीनाथ धाम में गड़ा हुआ है.
Chardham Yatra 2025: चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, बुधवार से शुरू हो रही है और इसके लिए हरिद्वार में ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र की स्थापना की गई है जिसमें आज से ऑफलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है. पहले दिन सुबह 7 बजे से ही पंजीकरण कराने के लिए यात्रियों का पहुंचना शुरू हो गया था.
आजतक धर्म संसद कार्यक्रम के 'हैं तैयार हम' सत्र में चार धाम यात्रा की तैयारियों पर गढ़वाल कमिश्नर और आईजीपी ने जानकारी दी. पिछले साल की कमियों से सीखते हुए ट्रैफिक मैनेजमेंट, रजिस्ट्रेशन, और होल्डिंग एरिया पर विशेष ध्यान दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए आधार-लिंक्ड रजिस्ट्रेशन और अतिरिक्त बलों की मांग की गई है.
आजतक धर्म संसद कार्यक्रम में बद्रीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने शिरकत की. उन्होंने बद्रीनाथ धाम के महत्व को समझाते हुए कहा कि 'जो जाय बद्री वो न आये उदरी', यानी वहां दर्शन करने वाले को मोक्ष मिलता है और वह जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बद्रीनाथ धाम किसी बौद्ध मठ को तोड़कर नहीं बना है, यह सतयुग का धाम है. देखिए.
aaj ka panchang 29 april 2025
Chardham Yatra 2025: 28 अप्रैल को बाबा केदार की डोली यात्रा अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओम्कारेश्वर मंदिर उखींमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना होगी और 2 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट आम भक्तों के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे.
aaj ka panchang 28 april 2025
Vaishakh Amavasya 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या दोनों का अगल-अलग महत्व होता है. वैशाख अमावस्या, जो वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में आती है. इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करना शुभ माना जाता है. इस दिन स्नान, दान, और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति और पुण्य मिलता है.
aaj ka panchang 27 april 2025
Parshuram Jayanti 2025 : मान्यता है कि भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं. यह भगवान शिव के परम भक्त भी माने जाते हैं. हर साल परशुराम जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है.
aaj ka panchang 26 april 2025
कैथोलिक चर्च के नियमों के अनुसार, पोप केवल वह पुरुष बन सकता है जिसने बपतिस्मा लिया हो और जो अविवाहित हो. हालांकि, पोप फ्रांसिस ने महिलाओं को चर्च में वाचक के रूप में सेवा देने की अनुमति दी थी.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई. चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने उनसे पूछा- 'क्या तुम मुस्लिम हो? अगर हां, तो कलमा सुनाओ.' आइए आपको बताते हैें कि कलमा क्या है और इस्लाम धर्म में इसके क्या मायने हैं.
राजकीय शोक के दौरान 22 और 23 अप्रैल को पूरे देश में सभी सरकारी इमारतों पर तिरंगा झंडा आधा झुका दिया गया. 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस पिछले कुछ समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे.
Mamaleshwar Temple in Kashmir: मामलेश्वर मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यही वह मंदिर है जहाँ माता पार्वती ने हल्दी से भगवान गणेश की रचना की थी.
Varuthini Ekadashi 2025: सनातन धर्म के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा होती है. जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें भौतिक सुखों के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी व्रत का सही तिथि और इस व्रत के नियम.
जब पोप के मृत शरीर का मेडिकल ट्रीटमेंट बंद हो जाता है और उनका शरीर काम करना बंद कर देता है. इस प्रक्रिया के बाद उनकी रिंग को तोड़ा जाता है, जिसका इस्तेमाल वो दस्तावेजों पर मुहर की तरह करते थे.
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब अगले कुछ दिनों तक वेटिकन में शोक मनाया जाएगा और इसी दौरान अगले पोप को चुने जाने की तैयारियां भी शुरू हो जाएंगी. करीब 135 कार्डिनल्स नए पोप को चुनने के लिए एक कॉन्क्लेव में शामिल होंगे. इनमें चार भारतीय कार्डिनल्स के नाम भी शामिल हैं.