scorecardresearch
 
Advertisement
धर्म की ख़बरें

Holi 2021: 150-200 साल से बेरंग पड़े ये गांव, मौत के डर से लोग नहीं मनाते होली

150-200 साल से गांव बेरंग पड़े ये गांव
  • 1/9

होली भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है. रंग, गुलाल, स्नेह और भक्ति के इस त्योहार को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कई गांव ऐसे भी हैं, जहां लंबे समय से होली मनाने का कोई रिवाज नहीं है. आइए आपको भारत के कुछ ऐसे ही गांवों के बारे में बताते हैं.

Photo: Getty Images

रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड)
  • 2/9

रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड)- उत्तरखांड के रूद्रप्रयाग जिले में कुरझां और क्विली नाम के दो गांव हैं, जहां करीब 150 साल से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है. यहां के स्थानीय निवासियों की मान्यता है कि इलाके की प्रमुख देवी त्रिपुर सुंदरी को शोर-शराबा बिल्कुल पसंद नहीं है. इसलिए इन गांवों में लोग होली मनाने से बचते हैं.

Photo: Getty Images

रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड)
  • 3/9

उत्तराखंड में रूद्रप्रयाग उस जगह का नाम है, जहां अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम होता है. श्रद्धालु यहां कोटेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने जरूर आते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि भस्मासुर नामक राक्षस की नजरों से बचने के लिए भगवान शिव ने यहीं एक चमत्कारी गुफा में खुद को छिपा लिया था.

Photo: Getty Images

Advertisement
दुर्गापुर (झारखंड)
  • 4/9

दुर्गापुर (झारखंड)- झारखंड के दुर्गापुर गांव में  बोकारो का कसमार ब्लॉक होली नहीं मनाता है. इस गांव में रहने वाले करीब 1000 लोगों ने 100 से भी ज्यादा सालों से होली का त्योहार नहीं मनाया है. लोगों का दावा है कि अगर किसी ने होली के रंगों को उड़ा दिया तो उसकी मौत पक्की है.

Photo: Getty Images

दुर्गापुर (झारखंड)
  • 5/9

गांव वालों का कहना है कि 100 साल पहले यहां एक राजा ने होली खेली थी, जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी थी. राजा के बेटे की मृत्यु होली के दिन हो गई थी. संयोग से राजा की मौत भी होली के दिन ही हुई थी. मरने से पहले राजा ने यहां के लोगों को होली न मनाने का आदेश दे दिया था.

Photo: Getty Images

तमिलनाडु
  • 6/9

तमिलनाडु- तमिलनाडु में रहने वाले लोग भी पारंपरिक रूप से होली का त्योहार नहीं मनाते हैं, जैसा कि उत्तर भारत में हर साल मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि होली पूर्णिमा के दिन पड़ती है और तमिलियन में यह दिन मासी मागम को समर्पित है.

Photo: Getty Images

तमिलनाडु
  • 7/9

इस दिन उनके पितृ पवित्र नदियों और तालाबों में डुबकी लगाने के लिए आकाश से धरती पर उतरते हैं. इसलिए इस दिन होली मनाना वर्जित समझा जाता है.

Photo: Getty Images

रामसन गांव (गुजरात)
  • 8/9

रामसन गांव (गुजरात)- गुजरात के बनसकांता जिले में स्थित रामसन नाम के एक गांव में भी पिछले 200 साल से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है. इस गांव का नाम पहले रामेश्वर हुआ करता था. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम अपने जीवनकाल में एक बार यहां आए थे.

रामसन गांव (गुजरात)
  • 9/9

ऐसा कहा जाता है कि एक अहंकारी राजा के दुराचार के चलते कुछ संतों ने इस गांव को त्योहार पर बेरंग रहने का श्राप दे दिया दिया था. तभी से इस गांव में होली न मनाने की प्रथा बदस्तूर चली आ रही है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Advertisement
Advertisement
Advertisement