scorecardresearch
 
Advertisement
धर्म की ख़बरें

Janmashtami 2021: धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल? हैरान कर देगा हजारों साल पुराना ये रहस्य

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 1/10

महाभारत को न सिर्फ कौरवों के अंत के लिए जाना जाता है, बल्कि यहीं से श्रीकृष्ण के अंत की शुरुआत हुई. श्रीमद् भगवद गीता के अनुसार, बेटे दुर्योधन की मृत्यु से दुखी गांधारी ने ही कृष्ण को मृत्यु का श्राप दिया था. लेकिन ऐसी मान्यता है कि हजारों साल पहले मर चुके कृष्ण का दिल आज भी धरती पर धड़क रहा है.

Photo: Getty Images

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 2/10

महाभारत के युद्ध के 36 साल बाद श्रीकृष्ण एक पेड़ के नीचे योग समाधि ले रहे थे. इसी दौरान जरा नाम का शिकारी एक हिरण का पीछा करते हुए वहां पहुंच गया. जरा ने कृष्ण के हिलते पैरों को हिरण समझ लिया और तीर चला दिया. इसके बाद शिकारी श्रीकृष्ण के पास पहुंचा और अपनी गलती के लिए उनसे क्षमा मांगने लगा. तब श्रीकृष्ण ने उसे सांत्वना दी और बताया कि कैसे उनकी मृत्यु निश्चित थी.

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 3/10

तब श्रीकृष्ण कहते हैं, 'त्रेता युग में लोग मुझे राम के नाम से जानते थे. राम ने सुग्रीव के बड़े भाई बाली का छिपकर वध किया था. अपने पिछले जन्म की सजा उन्हें इस जन्म में मिली है. दरअसल जरा ही पिछले जन्म में बाली था.' यह कहकर श्रीकृष्ण ने अपना शरीर त्याग दिया. श्रीकृष्ण की मृत्यु को ही कलियुग की शुरुआत माना जाता है.

Advertisement
धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 4/10

अर्जुन जब द्वारका पहुंचे तो उन्होंने देखा कि श्रीकृष्ण और बलराम दोनों मर चुके हैं. दोनों की आत्मा की शांति के लिए अर्जुन ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया. कहते हैं कि श्रीकृष्ण और बलराम का पूरा शरीर जलकर राख हो गया. कृष्ण का हृदय राख नहीं हुआ. ऐसी मान्यता है कि वो आज भी जल रहा है.

Photo: Getty Images

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 5/10

पांडवों के जाने के बाद पूरी द्वारका नगरी समुद्र में समा गई. भगवान कृष्ण के जलते हुए हृदय सहित सब कुछ पानी में बह गया. कहते हैं कि कृष्ण नगरी के ये अवशेष आज भी पानी के अंदर मौजूद हैं. कृष्ण का हृदय लोहे के एक मुलायम पिंड में तब्दील हो चुका है.

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 6/10

अवंतिकापुरी के राजा इंद्रद्युम्न भगवान विष्णु के बड़े भक्त थे और उनके दर्शन पाना चाहते थे. एक रात उन्होंने सपने में देखा कि भगवान विष्णु उन्हें नीले माधव के रूप में दर्शन देंगे. राजा अगली ही सुबह नीले माधव की खोज में निकल पड़े. जब उन्हें नीले माधव मिले तो वे इसे अपने साथ ले आए और भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना कर दी.

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 7/10

एक बार नदी में नहाते हुए राजा इंद्रद्युम्न को लोहे का एक मुलायम पिंड मिला. लोहे के नरम पिंड को पानी में तैरता देख राजा आश्चार्य में पड़ गए. इस पिंड को हाथ लगाते ही उन्हें कानों में भगवान विष्णु की आवाज सुनाई दी. भगवान विष्णु ने राजा इंद्रद्युम्न से कहा, 'यह मेरा हृदय है, जो लोहे के एक मुलायम पिंड के रूप में हमेशा जमीन पर धड़कता रहेगा.'

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 8/10

राजा तुरंत उस पिंड को भगवान जगन्नाथ मंदिर ले गए और सावधानी के साथ उसे मूर्ति के पास रख दिया. राजा ने इस पिंड को देखने या छूने के लिए सभी को इनकार कर दिया. ऐसा कहते हैं कि पिंड के रूप में मौजूद कृष्ण के दिल को आज तक कोई देख या छू नहीं पाया है.

धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 9/10

मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का दिल आज भी भगवान जगन्नाथ के मंदिर में स्थापित है. इसे आज तक किसी ने नहीं देखा है. नवकलेवर के अवसर पर जब 12 या 19 साल के अंतराल में  मूर्तियों को बदला जाता है तो पुजारी की आंखों पर भी पट्टी बांधी जाती है.

Advertisement
धरती पर आज भी है कृष्ण का दिल
  • 10/10

इसलिए आम जन की तरह मंदिर के पुजारी ना तो उस पिंड को देख पाते हैं और न ही उसे छूकर महसूस कर पाते हैं. यह मंदिर उड़ीसा के पुरी में स्थित है.

Advertisement
Advertisement