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सालों पहले आया एक नागा साधु और पेड़ के नीचे बना गया पाताललोक-मृत्युलोक... वट वृक्ष की जड़ों से बना अनोखा शिव मंदिर

नागा बाबा ने गुफा के अंदर पाताल लोक बनाया है, जहां पर भगवान शिव के चरण को स्थापित किया और उस गुफा के ऊपर मृत्युलोक बनाकर शिवलिंग स्थापित की. शिवलिंग के ऊपर आकाश लोक बनाया, जहां पर प्रभु महादेव विराजमान हैं.

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बरगद की जड़ों से बना मंदिर. (फोटो:aajtak)
बरगद की जड़ों से बना मंदिर. (फोटो:aajtak)

MP News: नर्मदापुरम मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर सोहागपुर के पास सिद्ध बाबा के नाम से एक प्रसिद्ध अनोखा शिव मंदिर है. खास बात यह है कि यह मंदिर वट वृक्ष की जड़ों से बना हुआ है. करीब 500 वर्ष पुराना यह वटवृक्ष महादेव को छाया प्रदान कर रहा है. प्राचीन अक्षय वट के प्राकृतिक मंडप में भगवान शिव विराजे हैं. ऐसी मान्यता है कि जिस वट वृक्ष की शाखाएं 1 हजार से अधिक हो जाती हैं, वह अक्षय वट कहलाता है. 

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श्रद्धालुओं के मुताबिक, वर्षों पहले इस स्थान पर मणि श्री पंच जूना अखाड़ा के काशी गिरि नागा बाबा नामक एक साधु आकर बस गए थे. उनके मन को यह स्थान भा गया और उन्होंने इस स्थान पर रह कर शिव मंदिर की स्थापना की. 

सोहागपुर के निवासी आलोक जायसवाल ने बताया कि उनके पूर्वज ने 5 एकड़ जमीन दान में दी थी. यह सिद्ध महाराज का स्थान है. पहले यहां पर मात्र एक सिद्ध बाबा की कुटिया थी, जो अब विशाल बरगद का वृक्ष बन चुका है. देखें Video:- 

स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि नागा बाबा ने गुफा के अंदर पाताल लोक बनाया है, जहां पर भगवान शिव के चरण को स्थापित किया और उस गुफा के ऊपर मृत्युलोक बनाकर शिवलिंग स्थापित की. शिवलिंग के ऊपर आकाश लोक बनाया, जहां पर प्रभु महादेव विराजमान हैं. इस जगह पर लोग अपनी मन्नतें मांगने आते हैं. यहां की खास बात यह है कि यहां बने वट वृक्ष में हजारों की संख्या में जड़ें निकली हुई हैं.

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करीब 500 साल पुराने वटवृक्ष की जड़ों से यहां पर बसे काशी गिरि नागा बाबा ने वृक्ष की हर एक जड़ों से बहुत सी कलाकृतियां बनाई हैं. इस वट वृक्ष के चारों ओर जड़ों से अनंत जगह राम नाम लिखा हुआ है. राम नाम के साथ ही यहां पर ओम, स्वास्तिक, सुदर्शन चक्र, धनुष बाण, उड़ते हुए हनुमान, शिवलिंग, गणेश एवं बैठने के लिए कुर्सी और सोफा भी बना हुआ है. साथ ही परिक्रमा के लिए वट वृक्ष के चारों ओर जड़ों से छत भी निर्मित की गई है.

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