scorecardresearch
 

Aditya Hridaya Stotra Path: क्या है आदित्य हृदय स्तोत्र? जिसके पाठ से मिलती है आर्थिक सफलता

सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है. यदि इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से किया जाए तो मनुष्य के जीवन में बहुत जल्दी ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं. साथ ही इस पाठ को करने से जातक को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं.

Advertisement
X
आदित्य स्तोत्र पाठ
आदित्य स्तोत्र पाठ

Aditya Hridaya Stotra Path: ये स्तोत्र श्री वाल्मिकी रामायण के युद्धकांड का एक सौ पांचवां सर्ग है. भगवान राम को युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए अगस्त्य ऋषि ने उनको ये स्तोत्र बताया था. सूर्य के समान तेज पाना चाहते हैं या युद्ध या मुकदमों में विजय के लिए ये पाठ अमोघ है. इसके पाठ के कुछ विशेष नियम हैं. 

Advertisement

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ करने के फायदे

1. राज्य पक्ष से कोई समस्या या सरकारी मुकदमों से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. 
2. हड्डियों या आंखों के रोग से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र पढ़ना चाहिए. 
3. पिता के साथ संबंध बेहतर बनाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. 
4. आंखों की समस्या गंभीर रूप से परेशान कर रही हो तो आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. 
5. किसी बड़े काम में सफलता पाने के लिए आदित्य स्तोत्र का पाठ करें. 

क्या है आदित्य हृदय स्तोत्र? 

आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य देव से संबंधित है.  इस स्तोत्र का पाठ सूर्य देव को प्रसन्न व उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता है. शास्त्रों में इस स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ व लाभकारी बताया गया है. ज्योतिषशास्त्र में भी आदित्य हृदय स्तोत्र को काफी महत्व दिया गया है. इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से जीवन के अनेक कष्टों का निवारण होता है. 

Advertisement

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के नियम

1. रविवार को उषाकाल में इसका पाठ करें. 
2. रोज सूर्योदय के समय भी इसका पाठ कर सकते हैं. 
3. पहले स्नान करें, सूर्य भगवान को जल अर्पित करें. 
4. इसके बाद सूर्य के सामने आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. 
5. पाठ के बाद सूर्यदेव का ध्यान करें. 
6. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते हो उन्हें रविवार के दिन मांसाहार, मदिरा तथा तेल का प्रयोग न करें. संभव हो तो रविवार को नमक का सेवन भी न करें. 

किन राशि वालों के लिए इसका पाठ करना उत्तम होगा? 

- मेष राशि वालों को शिक्षा के लिए, सिंह राशि वालों को स्वास्थ्य के लिए और धनु राशि वालों को भाग्य के लिए इसका पाठ जरूर करना चाहिए. 
- वृषभ राशि वालों को संपत्ति के लिए, कन्या राशि के लोगों को नौकरी के लिए और मकर राशि वालों को आयु के लिए इसका पाठ करना चाहिए. 
- मिथुन, तुला और कुंभ राशि वालों को वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य के लिए इसका पाठ करना चाहिए. 
- कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को उच्च पद प्राप्ति के लिए इसका पाठ करना चाहिए. 
- जिनकी कुंडली में सूर्य दूसरे, तीसरे, चौथे, छठे, सातवें, आठवें या बारहवें हो उनको भी इसका पाठ शुभ फल देता है.

Advertisement
Advertisement