महीने का आखिरी सप्ताह शुरू आते-आते कई लोगों की जेब खाली हो जाती है. हाथ में चाहकर भी पैसा नहीं टिकता है. आखिरी इसकी क्या वजह है? कुंडली का छठवां भाव मुख्य रूप से धन की बचत से संबंध रखता और कुंडली का ग्यारहवां भाव आय को नियंत्रित करता है. धन का आय-व्यय बुध से नियंत्रित होता है, इसलिए बुध की स्थिति भी यहां महत्वपूर्ण हो जाती है. साथ ही शुक्र, बृहस्पति और मंगल की स्थिति भी देखनी जरूरी है. तभी आप अपनी बचत का आकलन कर पाएंगे.
कब धन की बचत नहीं हो पाती?
जब कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो कभी धन की बचत नहीं हो पाती है. इसके अलावा, शुक्र की बहुत ज्यादा प्रधानता होने पर भी पैसे नहीं बचते. छठे भाव के स्वामी का बिगड़ना और वायु तत्व का कमजोर होना भी बचत को प्रभावित करता है. वास्तु के जानकार कहते हैं कि घर में सही स्थान पर धन न रखने और गलत रूप से पन्ना या पुखराज पहनने पर भी बचत नहीं होती है.
कब होती है धन की बचत?
कुंडली में बुध या बृहस्पति मजबूत होने पर धन की बचत होती है. शनि के धन भाव के निकट होने पर भी बैंक-बैलेंस अच्छा रहता है. कुंडली में पृथ्वी तत्व की प्रधानता होने पर भी पैसों की बचत होती है. इसके अलावा, घर में रसोई और तिजोरी ठीक रखने और धन का कुछ अंश दान करने पर भी धन की बचत होती है.
धन की बचत के लिए क्या करें?
ज्योतिषविद की सलाह लेकर एक पन्ना या पुखराज धारण करें. इससे धन की बचत होने लगेगी. रसोई घर को साफ-सुथरा रखने पर भी घर में पैसों की कमी नहीं रहती है. हमेशा उत्तर या पूर्व की ओर खुलने वाली आलमारी में धन रखें. पीले कपड़े में हल्दी बांधकर रसोई में रखें और शनिवार को निर्धन को सिक्कों का दान करें.