Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी इस बार 5 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से किये जाने से विद्या और ज्ञान का आर्शीवाद मिलता है. सरस्वती पूजा के दिन सरस्वती स्त्रोत का जाप भी जरूर करना चाहिए. साथ ही पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक, वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज आवश्यक रखें. आइये बताते हैं मां सरस्वती की पूजा की सही विधि और किस मंत्र का करना है जाप...
बसंत पंचमी के दिन कैसे करें सरस्वती पूजा (Saraswati Puja vidhi)
1- बसंत पंचमी के दिन जल्दी उठें, अपने घर में अच्छी तरह साफ सफाई करने के बाद पूजा की तैयारी करें.
2- इस दिन स्नान करने से पहले नीम और हल्दी का लेप अपने शरीर पर अवश्य लगाएं.
3- नहाने के बाद पीले या सफेद रंग के कपड़े पहनें.
4- मां सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें.
4- माता सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा के बगल में भगवान गणेश की मूर्ति जरूर रखें.
5- इस दिन पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक,वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज आवश्यक रखें.
6- इसके बाद एक साफ़ थाली या प्लेट में कुमकुम, हल्दी, चावल, और फूलों से सजा कर भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करें.
मां सरस्वती की वंदना (Saraswati Vandana)
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami shubh muhurt)
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा.