आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी कहते हैं. हिंदू धर्म में भड़ली नवमी का विशेष महत्व बताया गया है. अक्षय तृतीया की तरह इस दिन भी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त होता है. जिन लोगों के लिए शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त ना बन पा रहा हो, वे भड़ली नवमी के दिन निसंकोच शादी कर सकते हैं. इसे भडल्या नवमी भी करहते हैं.
कब है भड़ली नवमी?
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी मनाई जाती है. इस साल आषाढ़ माह की नवमी तिथि 7 जुलाई को शाम 7 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी 8 जुलाई को शाम 6 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के कारण भड़ली नवमी 8 जुलाई दिन शुक्रवार को पड़ेगी.
भड़ली नवमी पर तीन शुभ योग
ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल भड़ली नवमी पर शिव, सिद्ध और रवि योग का निर्माण होगा. इन योगों में कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है. इस दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है. खरीदारी के लिहाज से भी यह दिन बहुत ही उत्तम माना जाता है.
भड़ली नवमी पर विवाह मुहूर्त
इस साल भड़ली नवमी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, भड़ली अमावस्या को शाम साढ़े 6 बजे तक ही शुभ कार्य किए जा सकेंगे. इसके दो दिन बाद चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा, जिसमें 4 महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं कर पाएंगे.