Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च, बुधवार को हुई थी. नवरात्रि के दो दिन अष्टमी और नवमी बड़े ही खास माने जाते हैं. 29 मार्च, बुधवार यानी कल महाअष्टमी का कन्या पूजन होगा. इसे दुर्गाष्टमी भी कहते हैं. दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है. इसलिए इसे महाअष्टमी भी कहते हैं. देवी महागौरी की पूजा अर्चना से जीवन में आ रही कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है. महाष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है. इस दिन कुछ खास गलतियां करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि कौन सी वो गलतियां है जिनसे हमें अष्टमी के दिन बचना चाहिए.
1. अष्टमी पूजन का नवरात्रि में बहुत महत्व है. इस दिन शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही पूजा करें. मुहूर्त बीतने के बाद पूजा का महत्व नहीं रह जाता है.
2. अष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पूजा करनी चाहिए. इस दिन देर से नहीं सोना चाहिए. अगर आपने व्रत नहीं भी रखा है तो भी उठकर स्नान करें और पूजा जरूर करें.
3. अष्टमी पर पूजा के बाद दिन में नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से साधक को पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है.
4. अगर आपने अष्टमी का व्रत रखा है तो नवमी के दिन कन्या पूजन से पहले कुछ भी ना खाएं. कन्या पूजन और उन्हें विदा करने के बाद ही व्रत का विधिवत पारण करें. इससे माता रानी की कृपा बनी रहती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
5. महाअष्टमी के दिन दुर्गा चालीसा, मंत्र या सप्तशती के पाठ के समय किसी दूसरे से बात न करने लग जाएं. ऐसा करने से आपकी पूजा का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं.
6. संधि काल का समय दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है. संधि काल के समय 108 दीपक जलाए जाते हैं. अष्टमी के दिन संधि काल में ही दीपक जलाना शुभ माना जाता है. संधि काल का ध्यान रखें.
7. अष्टमी के दिन हवन किए बिना पूजा न करें. हवन किए बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. ध्यान रखें कि हवन करते वक्त आहुति की सामग्री कुंड से बाहर ना जाए.
8. अष्टमी पर नीले या काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए. उससे घर नकारात्मकता आती है. इस दिन पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है.
महाअष्टमी शुभ मुहूर्त
इस साल अष्टमी कल यानी 29 मार्च, बुधवार को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 मार्च, बुधवार आज शाम 07 बजकर 02 मिनट पर हो जाएगी और इसका समापन 29 मार्च कल रात 09 बजकर 07 मिनट पर होगा. कल ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. महाअष्टमी का अमृत मुहूर्त सुबह 09 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. कल भद्रा काल सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा, इसके बाद कन्या पूजन किया जा सकता है.