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Chaitra Navratri 2025 Ghatsthapana Muhurt: चैत्र नवरात्र में घटस्थापना के लिए बस इतनी देर रहेगा मुहूर्त, नोट करें टाइमिंग

Chaitra Navratri 2025: इस बार चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06.13 बजे से सुबह 10:22 बजे तक रहेगा. फिर दोपहर 12:01 बजे से दोपहर 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकेंगे.

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 इस बार चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06.13 बजे से सुबह 10:22 बजे तक रहेगा.
इस बार चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06.13 बजे से सुबह 10:22 बजे तक रहेगा.

Chaitra Navratri 2025 Ghatsthapna Muhurat: इस साल चैत्र नवरात्र 30 मार्च से लेकर 6 अप्रैल तक रहने वाले हैं. चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है. कहते हैं कि इन पावन दिनों में व्रत-उपासना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है. इतना ही नहीं, चैत्र नवरात्र के साथ ही नव-संवत्सर यानी हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी हो जाती है. 

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इस बार चैत्र नवरात्र में माता रानी हाथी पर सवार होकर आने वाली है. देवी की हाथी की सवारी बहुत शुभ मानी जाती है. नवरात्र में माता दुर्गा का हाथी पर आगमन और प्रस्थान शुभ माना जाता है, जो सुख-समृद्धि और ज्ञान की वृद्धि का प्रतीक है. हाथी पर माता की सवारी सुख-संपन्नता और अच्छी बारिश का संकेत देती है. यह किसान, फसल और आपदाओं से मुक्ति का संकेत देती है.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Shubh muhurt)
चैत्र नवरात्र की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना यानी कलश स्थापना के साथ होती है. इस बार चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06.13 बजे से सुबह 10:22 बजे तक रहेगा. फिर दोपहर 12:01 बजे से दोपहर 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकेंगे.

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चैत्र नवरात्र के कलश स्थापना विधि (Chaitra Navratri 2025 kalash sthapana vidhi)
नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना होती है. घट अर्थात मिट्टी का घड़ा. इसे नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त के हिसाब से स्थापित किया जाता है. घट को घर के ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए. घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें. फिर इसका पूजन करें. जहां घट स्थापित करना है, उस स्थान को साफ करके वहां पर एक बार गंगा जल छिड़ककर उस जगह को शुद्ध कर लें. उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. 

फिर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें या मूर्ति. अब एक तांबे के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर लाल मौली बांधें. उस कलश में सिक्का, अक्षत, सुपारी, लौंग का जोड़ा, दूर्वा घास डालें. अब कलश के ऊपर आम के पत्ते रखें और उस नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर रखें. कलश के आसपास फल, मिठाई और प्रसाद रख दें. फिर कलश स्थापना पूरी करने के बाद मां की पूजा करें.

नवरात्र घटस्थापना सामग्री Chaitra Navratri 2025 Ghatsthapana samagri)
हल्दी, कुमकुम, कपूर, जनेऊ, धूपबत्ती, निरांजन, आम के पत्ते, पूजा के पान, हार-फूल, पंचामृत, गुड़ खोपरा, खारीक, बादाम, सुपारी, सिक्के, नारियल, पांच प्रकार के फल, चौकी पाट, कुश का आसन, नैवेद्य आदि.

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