चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी नीतियों का वर्णन किया है जिसके मार्ग पर चलकर या जिसे अपनाकर मनुष्य अपने जीवन के दुख-दर्द को दूर कर सकता है. उन्होंने व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतों का भी जिक्र किया है जो उन्हें गरीबी के दलदल में धकेल देती हैं. आइए जानते हैं उन आदतों के बारे में...
चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में कहते हैं कि व्यक्ति बेशक गरीब हो लेकिन उसे साफ सुथरा रहना चाहिए. उनके मुताबिक गंदे कपड़े पहनने वाले व्यक्ति के पास कभी लक्ष्मी का वास नहीं होता. ऐसे लोग हमेशा तिरस्कृत होते रहते हैं.
चाणक्य ने साफ दांत का जिक्र करते हुए कहा कि जो इंसान दातों को गंदा रखता है उनकी सफाई नहीं करता उन्हें गरीबी का सामना करना पड़ता है. वहीं, दांत साफ रखने वाला व्यक्ति हमेशा खुश रहता है.
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आचार्य के मुताबिक जरूरत से ज्यादा खाने वाला व्यक्ति कभी धनवान नहीं बन पाता. चाणक्य कहते हैं कि दरिद्रता व्यक्ति को और गरीब बनाती है. साथ ही ज्यादा खाने वाले व्यक्ति की सेहत भी खराब रहती है.
व्यक्ति को हमेशा मीठे बोल बोलने चाहिए. कड़वा बोलने वाले शख्स को लोग पसंद नहीं करते. वहीं, ऐसा व्यक्ति बात बात पर दूसरों को आहत कर खुद का नुकसान कर लेता है. ऐसे व्यक्ति का कोई मित्र नहीं बन पाता. वहीं, उसके दुश्मनों की संख्या ज्यादा होती चली जाती है.
गलत तरीके से कमाया हुआ धन ज्यादा दिनों तक नहीं ठहरता. साथ ही वो व्यक्ति को हमेशा परेशान करके रखता है. चाणक्य के मुताबिक धूर्त व्यक्ति कितना भी धन कमा ले वो संतुष्ट और सुखी नहीं रह पाता.