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Chanakya Niti In Hindi: इन लोगों के बीच में पड़ने से जा सकती है जान!, ऐसे करें बचाव

चाणक्य ने अपनी बुद्धि और तार्किक क्षमता के आधार पर नीतियां बनाईं, जिसका पालन कर चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बन गए. चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में बताया है कि व्यक्ति को किस प्रकार के लोगों के बीच आने पर जीवन के नष्ट होने का भी खतरा होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

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Chanakya Niti In Hindi, चाणक्य नीति
Chanakya Niti In Hindi, चाणक्य नीति

विष्णुगुप्त चाणक्य अन्य लोगों से काफी अलग थे. तक्षशिला विश्वविद्यालय में राजनीति और अर्थशास्त्र की शिक्षा ग्रहण करने वाले चाणक्य ने बेहद कम उम्र में वेद, पुराण के ज्ञान में महारत हासिल कर लिया था. चाणक्य ने अपनी बुद्धि और तार्किक क्षमता के आधार पर नीतियां बनाईं, जिसका पालन कर चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बन गए. चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में बताया है कि व्यक्ति को किस प्रकार के लोगों के बीच आने पर जीवन के नष्ट होने का भी खतरा होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

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विप्रयोर्विप्रवह्नेश्च दम्पत्यो: स्वामिभृत्ययो:।
अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च।।

चाणक्य के मुताबिक मनुष्य को किसी भी दो विद्वान लोगों के बीच से नहीं गुजरना चाहिए. खासकर तब जरूर, जब वो आपस में बात कर रहे हों. उनके बीच में बाधा डालकर व्यक्ति उन विद्वानों के ज्ञान के वंचित रह सकते हैं. यही नहीं साथ ही वो उनके क्रोध का शिकार भी बन सकते हैं.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अनुष्ठान या हवन के दौरान अग्नि कुंड के पास विराजमान या बैठे ब्राह्मणों के बीच में कभी नहीं आना चाहिए. कहा जाता है कि उनके बीच आने से ब्राह्मणों की मर्यादा को ठेस पहुंचती है. साथ ही देवी-देवताओं का भी अपमान होता है. 

इसी कड़ी में चाणक्य आगे बताते हैं कि जब मालिक और नौकर के बीच बातचीत जारी हो तब उन्हें बीच में टोकना नहीं चाहिए. ऐसा करने से आप दोनों में से किसी के भी गुस्से का शिकार हो सकते हैं. इसके अलावा पति-पत्नी के बीच भी भूलकर नहीं आना चाहिए. साथ ही अगर किसान खेत जोतने के काम में लगा हो तो किसी दूसरे व्यक्ति को उसके काम में बाधा नहीं डालना चाहिए.

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