Chanakya Niti In Hindi, Ethics of Chanakya: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में राज-काज, जीवन के मूल्यों के साथ गृहस्थ जीवन से जुड़ी कई बातें और नीतियां बताई हैं. चाणक्य की इन नीतियों का अनुसरण कर लोग कई मुसीबतों से बच सकते हैं. चाणक्य की ये नीतियां न केवल सफलता के रास्ते पर ले जाने में मददगार है, बल्कि इनका पालन कर लोगों को व्यवहारिक ज्ञान की भी प्राप्ति होती है. वहीं, आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब 'चाणक्य नीति' में एक श्लोक के जरिए उन चीजों के बारे में वर्णन किया है, जिस पर लोगों को भरोसा करने से बचना चाहिए, जो इस प्रकार है-
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लोगों को कभी भी नदियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. चाणक्य ने ऐसा इसलिए कहा है कि क्योंकि नदियों के बहाव को समझ पाना मुश्किल होता है. सामान्य वेग से चलने वाली नदी कब तेज गति पकड़ लें इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है.
आचार्य चाणक्य शस्त्र धारण करने वाले लोगों पर भी भरोसा करना मूर्खता भरा बताते हैं. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों पर भरोसा कर आप अपने लिए ही खतरे का बुलावा देते हैं, क्योंकि क्रोधित होने पर ये लोग किसी पर भी हमला कर सकते हैं. इसलिए इन लोगों पर भरोसा करने से बचना चाहिए.
इसके अलावा आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सींग या नुकीले नाखून वाले जानवरों पर भी भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे जानवर कभी भी किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए ऐसे जानवरों पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए.
वहीं, आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरे स्वभाव की महिलाएं सिर्फ अपना स्वार्थ दिखाती हैं. खुद के फायदे के लिए वो किसी को भी मूर्ख बना सकती हैं. वहीं, आचार्य चाणक्य उन पर भी भरोसा करने से मना करते हैं जो शासकीय सेवाओं से जुड़े होते हैं.
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