Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिए बहुत सारी नीतियां और उपाय बताएं हैं. उन्होंने जीवन जीने का तरीका, जीवन के मूल्य से लेकर घर कहां खरीदें, इसे लेकर भी अपने नीति शास्त्र में उल्लेख किया है. व्यक्ति को किस जगह पर घर बनाना चाहिए इसे आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से बताया है.
धनिक: श्रोतियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें ऐसी जगह पर घर बनाना या खरीदना चाहिए, जहां पड़ोसी धनवान हो, क्योंकि धनवान व्यक्ति के रहने की जगह पर व्यावसायिक स्थिति सकारात्मक होती है. ऐसे में अगर वहां रोजगार की संभावना होगी तो दिक्कत नहीं होती.
चाणक्य कहते हैं कि विद्वान पड़ोसी का होना भी सुखी जीवन प्रदान करता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान लोगों का पड़ोसी बनना सुखद होता है, क्योंकि उनका आचरण मूर्खों के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर होता है और इससे आपके बच्चों की परवरिश भी सही तरीके से होती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अच्छी शासकीय व्यवस्था यानी सरकार की ओर से अच्छी व्यवस्था वाली जगह पर भी घर का होना अच्छा होता है. यह जगह ऐसी हो जहां आपकी पहुंच आसानी से शासकीय व्यवस्था तक हो और जरूरत पड़ने पर आप तुरंत सुरक्षा के लिए वहां पहुंच सकें.
वहीं, चाणक्य कहते हैं कि घर ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां पानी की व्यवस्था दुरुस्त हो, यानी आसानी से पानी की उपलब्धता हो. इसके साथ ही घर लेते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वो जगह अस्पताल के करीब हो. चाणक्य के मुताबिक, घर ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां बीमार होने पर तुरंत स्वास्थ्य सेवा का लाभ लिया जा सके.
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