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Chanakya niti: इन लोगों पर आंख बंद करके ना करें विश्वास, आ सकती है मुसीबत!

chanakya niti: आचार्य विष्णुगुत्त चाणक्य ने 'चाणक्य-नीति शास्त्र' के प्रथम अध्याय में बताया है कि किन लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए. अश्विनी पाराशर की बुक में इस बात का जिक्र है. इस बारे में आर्टिकल में जानेेंगे.

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(Image credit: Getty images)
(Image credit: Getty images)

Chanakya niti shastra: आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य के 'चाणक्य-नीति शास्त्र' में जीवन को सफल बनाने के लिए अनेक विषयों पर प्रकाश डाला गया है. आचार्य चाणक्य अपने गुणों से राजनीति विशारद, आचार-विचार के कूटनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं. उनके लिखे हुए साहित्य समाज में शांति, न्याय, प्रगति सिखाने वाले ज्ञान का भंडार है. 2500 ई. पूर्व आचार्य चाणक्य ने चाणक्य-नीति शास्त्र लिखा था जिसमें लिखी गईं कूटनीतियां आज के समय में भी बिल्कुल सटीक बैठती हैं.

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अश्विनी पाराशर की बुक 'चाणक्य नीति' के मुताबिक, चाणक्य-नीति शास्त्र के प्रथम अध्याय में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि इंसान को किन लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने विश्वसनीयता के लक्षणों की चर्चा करते हुए कहा है, “कुछ लोगों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि ये कब घात कर दें, चोट पहुंचा दें, कोई भरोसा नहीं. अगर कोई इन लोगों पर विश्वास करता भी है तो वह व्यक्ति हमेशा धोखा खाता है.” तो आइए जानते हैं किन लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए.

"नखीनां च नदीनां च शृंगीणां शस्त्रपाणिनाम् . विश्वासो नैव कर्त्तव्यः स्त्रीषु राजकुलेषु च ॥15॥"

1. लंबे नाखून वाले हिंसक पशु

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि लंबे नाखून वाले हिंसक पशु जैसे सिंह, भालू अथवा बाघ आदि पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता. क्योंकि तब वह जानवर आपको धोखा दे दें या आप पर हमला कर दें यह कोई नहीं जानते.

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2. शस्त्रधारी व्यक्ति

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शस्त्रधारी व्यक्ति यानी जिन लोगों के पास शस्त्र होते हैं उन लोगों पर भी कभी विश्वास नहीं करना चाहिए. क्योंकि न जाने कब उनके मन में आपका अहित करने की बात आ जाए.

3. राज-परिवार से संबंधित लोग

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी राजपरिवार के लोग सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण या सत्ता में आने (सत्ता पाने) के लोभ में कूटनीति में महारथी होते हैं इसलिए कभी भी उन लोगों का विश्वास नहीं करना चाहिए. उदाहरण के लिए कंस ने लोभ में पिता उग्रसेन को कारागार में डाल दिया था और अपने प्राणों को सुरक्षित रखने के भाव से बहन देवकी को पति वासुदेव सहित जेल में डाल दिया था. 

4. नदियां

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि आप कोई नदी पार करना चाहते हैं तो आपको किसी व्यक्ति के यह कहने पर भरोसा नहीं करना चाहिए कि नदी का प्रवाह अथवा गहराई कितनी है क्योंकि नदी के प्रवाह और उसकी गहराई के संबंध में कोई भी सटीक जानकारी नहीं दे सकता. यदि आप नदी में उतरते हैं तो आपको सावधान रहना आवश्यक है और स्वयं के विवेक का प्रयोग करना चाहिए.

5. सींग वाले पशु

आचार्य चाणक्य का कहना है कि सींग वाले पशुओं तथा शस्त्रधारी व्यक्ति का भी विश्वास नहीं किया जा सकता. क्योंकि न जाने वे कब स्वार्थवश आपका अहित कर दें या आप पर हमला कर दें.

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(Disclaimer: यह जानकारी अश्विनी पाराशर की बुक चाणक्य नीति के आधार पर दी गई है,)

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