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Chandra Grahan 2021: चंद्र ग्रहण जल्द लगने जा रहा है, नोट कर लें तारीख और समय

Chandra Grahan 2021: चंद्र ग्रहण ज्योतिष के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. साल 2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण (Last lunar eclipse of 2021) 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को लगेगा. यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. पौराणिक कथाओं के अनुसार पाप ग्रह राहु और केतु जब चंद्रमा पर हमला करते हैं तब चंद्र ग्रहण की स्थिति का निर्माण होता है.

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Chandra Grahan 2021
Chandra Grahan 2021
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कृतिका नक्षत्र और वृषभ राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण
  • चंद्र ग्रहण के दौरान शिव आराधना करने से मिलता लाभ

Chandra Grahan 2021: चंद्र ग्रहण ज्योतिष के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. साल 2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण (Last lunar eclipse of 2021) 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को लगेगा. यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. इस चंद्र ग्रहण को सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण बताया जा रहा है. मान्यता है कि चंद्रमा को मन और माता का कारक माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार पाप ग्रह राहु और केतु जब चंद्रमा पर हमला करते हैं तब चंद्र ग्रहण की स्थिति का निर्माण होता है.

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भारत में चंद्र ग्रहण का समय 
भारतीय समयानुसार 19 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को सुबह 11:34 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा, जो शाम 05:33 मिनट पर खत्‍म होगा. हालांंकि भारत में ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा, लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. सूतक काल में खाने-पकाने, पूजा-पाठ से परहेज करना चाहिए. इस दौरान भगवान का ध्यान करें. ग्रहण के बाद स्‍नान जरूर करें. इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. चंद्र ग्रहण के दौरान शिव आराधना करने से लाभ मिलता है.

यहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण 
ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश में ही कुछ समय के लिए दिखाई देगा. इसके अलावा अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा. 

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क्या होता है उपछाया ग्रहण
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर निकल आता है तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं. चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण माना जाता है. उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. ज्योतिष में भी उपछाया को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है.

 

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