उत्तराखंड में चारधाम के कपाट खुलने के लगभग 4 महीने बाद आज से चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. इस यात्रा को लेकर सरकार ने शुक्रवार को मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है. केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम आने वाले श्रद्धालु सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही दर्शन कर पाएंगे.
इन नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य
उत्तराखंड के बाहर आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, जिसके बाद ई- पास जारी होगा. बिना ई- पास के यात्रा नहीं कर सकेंगे. कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद प्रमाण पत्र दिखाने पर यात्रियों को एंट्री मिलेगी. वहीं केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड जांच निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है.
कुंड में स्नान पर प्रतिबंध
चारधाम यात्रा के लिए भले ही अनुमति दे दी गई है, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए दर्शन करने वाले यात्री प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे. इसके अलावा मंदिरों में यात्रियों को तिलक भी नहीं लगेगा. मंदिर में मूर्तियों और घंटियों को छूने की मनाही है. श्रद्धालुओं के लिए तप्त कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. यात्रा के दौरान मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है.
कोरोना संक्रमण के कारण लगी थी रोक
बता दें कि कोरोना की वजह से चार धाम यात्रा पर अब तक रोक लगी हुई थी. इससे पहले कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि कोरोना प्रोटोकॉल के सभी नियमों का पूर्ण पालन कराने से लेकर चार धाम की लाइव स्ट्रीमिंग तक, सभी इंतजाम दुरुस्त होने पर ही यात्रा को मंजूरी दी जाएगी. कोर्ट का कहना था कि सरकार की आधी-अधूरी तैयारी का खामियाजा पर्यटन से जुड़े लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि अब हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा को मंजूरी दे दी है.