आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकदशी कहते हैं. ये वो दिन है जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इसके बाद आने वाले चार महीने तक तमाम शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है. हालांकि अगले चार महीने तक सृष्टि का संचालन भगवान विष्ण की बजाए भगवान शिव करते हैं. चूंकि इस साल देवशयनी एकादशी पर तीन-तीन शुभ योग बन रहे हैं, इसलिए इसे ज्यादा खास माना जा रहा है.
देवशयनी एकादशी की तिथि
आषाढ़ माह की एकादशी तिथि 09 जुलाई दिन शनिवार शाम 04 बजकर 39 मिनट से लेकर 10 जुलाई दिन रविवार को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि 10 जुलाई को है, इसलिए एकादशी 10 जुलाई को मनाई जाएगी. वहीं व्रत का पारण 11 जुलाई सुबह 05 बजकर 55 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट तक किया जा सकेगा.
देवशयनी एकादशी तीन-तीन शुभ योग
देवशयनी एकादशी पर रवियोग, शुभ योग और शुक्ल योग बन रहा है. 10 जुलाई यानी आज सुबह 05 बजकर 31 मिनट से 09 बजकर 55 मिनट तक रवि योग रहेगा. सुबह से लेकर देर रात 12 बजकर 45 मिनट तक शुभ योग रहेगा. फिर देर रात 12 बजकर 45 मिनट से अगली सुबह तक शुक्ल योग रहेगा. इसके बाद विशाखा नक्षत्र सुबह से लेकर 09 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. अनुराधा नक्षत्र सुबह 09 बजकर 55 मिनट से पूरे दिन रहने वाला है.
ज्योतिषियों का कहना है कि हरिशयनी एकादशी पर बने रवि योग और शुभ योग मांगलिक दृष्टि से उत्तम हैं. आप इस समय काल में भगवान विष्णु की पूजा और देवशयनी एकादशी व्रत कथा का पाठ कर सकते हैं. इस दिन विशाखा और अनुराधा नक्षत्र भी अच्छे हैं.
इन सभी योग और नक्षत्र में व्रत और पूजा पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है.