भारत में ईद-उल-फितर की तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहे मुस्लिमों के लिए बड़ी खबर आ गई है. सऊदी के अधिकारियों ने देश में शव्वाल 1446 महीने का चांद दिखाई देने का ऐलान कर दिया है, जिसका मतलब है कि अरब देश में रविवार, 30 मार्च यानी कल ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा. जबकि भारत में संभवत: सऊदी अरब के एक दिन बाद यानी सोमवार, 31 मार्च को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा.
भारत में रमजान का पवित्र महीना 2 मार्च से शुरू हुआ था. तकरीबन एक महीना रोजा रखने वाले मुसलमानों को इस पर्व का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार था.
कैसे मनाएं ईद का त्योहार
ईद-उल-फितर का दिन इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, शव्वाल महीने की पहली तारीख को होता है. जब इस्लामिक कैलेंडर के रमजान महीने की 29वीं या 30वीं रात को चांद दिखता है, तभी ईद मनाने की पुष्टि होती है।
चांद दिखने के बाद ही त्योहार की तैयारियां जोरों पर शुरू हो जाती हैं. ईद से पहले 'फितरा' देना जरूरी होता है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोग भी ईद की खुशियों में शामिल हो सकें. मुसलमान अपने सामर्थ्य के अनुसार फितरा दे सकते हैं.
ईद की सुबह जल्दी उठकर नहाएं और नए या साफ-सुथरे कपड़े पहनें. फिर नमाज करने मस्जिद जाएं. नमाज से पहले खजूर या सेवइयां जैसे कुछ मीठा खाना सुन्नत होता है. मस्जिद या ईदगाह में जाकर पहले वुजु करें और फिर ईद के खास मौके पर नमाज पढ़ें. यह नमाज़ आमतौर पर सुबह की होती है और इसे बड़ी संख्या में लोग एकसाथ पढ़ते हैं. नमाज के बाद लोग एक-दूसरे को गले मिलकर 'ईद मुबारक' कहते हैं.
ईद के पकवान
ईद के दिन खासतौर पर मीठी सेवइयां, शीर खुरमा और अन्य स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर इस खास मौके का आनंद लिया जाता है. ईद पर बच्चों को ईदी में कोई तोहफा या पैसे देने की भी परंपरा होती है. गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.
ईद का संदेश
ईद-उल-फितर सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि यह प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश भी देता है. इस दिन हर कोई खुशियां बांटता है और गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करता है.