Falgun amavasya 2025: आज फाल्गुन मास की अमावस्या है और इसे फाल्गुनी अमावस्या भी कहा जाता है. शास्त्रों में इस दिन स्नान और दान करने का महत्व बताया गया है. इस दिन अगर सम्पूर्ण रूप से मौन रहा जाए तो अद्भुत स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है. जिनको भी मानसिक समस्या है या भय और वहम की समस्या है, उनके लिए आज का स्नान महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन की प्रक्रिया के पालन से ग्रहों की शांति और दोषों का निवारण दोनों हो सकता है.
स्नान-दान का मुहूर्त (Falgun Amavasya 2025 Snan-Daan Muhurat)
फाल्गुन अमावस्या की तिथि 27 फरवरी यानी आज सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 28 फरवरी यानी कल सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर होगा. स्नान-दान हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए. इसका मुहूर्त सुबह 5 बजकर 08 मिनट से शुरू हो चुका है.
कैसे करें दान-स्नान?
यदि फाल्गुन अमावस्या पर आप पवित्र नदी में स्नान करने जा रहे हैं तो पहले घर से अच्छी तरह स्नान कर लें. फिर नदी में जाकर कम से कम तीन डुबकी लगाएं. नदी में शरीर मलना और साबुन का प्रयोग न करें. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और देवी देवताओंस पितरों का स्मरण करें. नदी से निकलकर वस्त्र धारण करें. अगर चाहें तो मंत्र जप, ध्यान या स्तुति करें . इसके बाद अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें.
घर में कैसे करें पवित्र स्नान?
यदि आपके लिए किसी पवित्र में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर में ही पवित्र स्नान कर सकते हैं. इसके लिए प्रातः और संध्या काल दोनों समय स्नान करें तो उत्तम होगा. पहले बाल्टी में थोड़ा गंगाजल डालें. फिर इसमें पानी डालें. इसके बाद जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें. फिर स्नान करना आरम्भ करें. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. मंत्र जाप करें या प्रभु की स्तुति करें. इसके बाद निर्धनों को अन्न या वस्त्र का दान करें.
फाल्गुन अमावस्या पर क्या दान करें?
फाल्गुन अमावस्या पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए. स्नान और पूजा के बाद निर्धनों को दान करना चाहिए. दान में अन्न, वस्त्र, काले तिल और गुड़ का दान करना उत्तम होगा. आप अन्य वस्तुएं भी श्रद्धानुसार दान कर सकते हैं.