scorecardresearch
 

Falgun Chaturthi 2025: फाल्गुन विनायक चतुर्थी का व्रत आज, जानें पूजन विधि और गणपति जी की आरती

Falgun Chaturthi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. विनायक चतुर्थी को गणेश जयंती के नाम से भी जाना जाता है. मुख्य रूप से यह त्योहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है.

Advertisement
X
विनायक चतुर्थी के दिन कि जो भक्त भगवान गणेश की सच्चे मन से प्रार्थना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
विनायक चतुर्थी के दिन कि जो भक्त भगवान गणेश की सच्चे मन से प्रार्थना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है.

Falgun Chaturthi 2025: आज फाल्गुन मास की विनायक चतुर्थी मनाई है. हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की विनायक चतुर्थी का खास महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यताएं हैं कि अगर कोई भक्त भगवान गणेश की सच्चे मन से प्रार्थना करता है और उन्हें याद करता है तो गणपति बप्पा उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.

Advertisement

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. विनायक चतुर्थी को गणेश जयंती के नाम से भी जाना जाता है. मुख्य रूप से यह त्योहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है. और भारत के अन्य राज्यों या क्षेत्रों में भादो मास की गणेश चतुर्थी मुख्य रूप से मनाई जाती है. 

फाल्गुन विनायक चतुर्थी 2025 तिथि
पंचांग के अनुसार, ल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 मार्च को रात 09 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 3 मार्च को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन चन्द्रास्त रात 10 बजकर 11 मिनट पर होगा. इसके हिसाब से 3 मार्च यानी आज विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.

विनायक चतुर्थी पूजन विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह स्नानादि करें और गणपति बप्पा के नाम का व्रत जरूर करें. इसके बाद पूजन के लिए एक लाल कपड़ा बिछाएं और फिर उस पर भगवान गणेश की मूर्ति रखें. फिर गंगा जल से उनकी मूर्ति साफ करें. इसके बाद भगवान गणेश को लाल सिंदूर अर्पित करें और फिर उनके आगे घी का दीपक जलाएं. इसके बाद भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फूल, सिंदूर, जनेऊ और 21 दूर्वा चढ़ाएं. आखिरी में भगवान गणेश की आरती करें.

Advertisement

गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

Live TV

Advertisement
Advertisement