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Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat Timings: गोवर्धन पूजा आज, इतने बजे से पहले कर लें पूजन, जानें पूजा विधि और उपाय

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का पर्व आज मनाया जा रहा है. गोवर्धन पूजा का उत्तर भारत में खासकर ब्रज भूमि मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना में इसका अधिक महत्व है. गोवर्धन पूजन के लिए एक मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.

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गोवर्धन पूजा 2024
गोवर्धन पूजा 2024

Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat Timings: गोवर्धन का पर्व आज मनाया जा रहा है. गोवर्धन पूजा में गौ धन यानी गायों की पूजा की जाती है और गायों को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है. इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. 

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पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को भगवान इंद्र के गुस्से से बचाया था. साथ ही भगवान इंद्र को उनकी गलती का एहसास करवाया था. उस समय से ही भगवान कृष्ण के उपासक उन्हें गेहूं, चावल, बेसन से बनी सब्जी और पत्तेदार सब्जियां अर्पित करते हैं.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2024 Pujan Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा की तिथि 1 नवंबर यानी आज शाम को 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 2 नवंबर यानी कल रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. 

गोवर्धन पूजन के लिए आज तीन सबसे शुभ रहेंगे. एक मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और तीसरा मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. 

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गोवर्धन पूजा पूजन विधि (Govardhan Pujan Vidhi)

इस दिन सुबह उठकर शरीर पर तेल की मालिश करें और उसके बाद स्नान करें. फिर, घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं. गोबर का गोवर्धन पर्वत, पास में ग्वाल-बाल और पेड़ पौधों की आकृति बनाएं. गोवर्धन पर्वत के बीचों बीच भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें. फिर, इन्हें अन्नकूट का भोग लगाएं. आखिरी में गोवर्धन पूजा की व्रत कथा सुने और सभी में प्रसाद वितरित करें और उसके बाद भोजन करें. 

कैसे लगाते हैं अन्नकूट का भोग?

वेद पुराणों में भगवान वरुण और अग्नि की पूजा का विधान बताया गया है. इस दिन गायों का श्रृंगार करके उनकी आरती की जाती है और उन्हें फल, फूल, मिठाइयां इत्यादि खिलाई जाती हैं. इसके बाद गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है. और फिर इसके बाद फूल, धूप, दीप, आदि से उसकी पूजा की जाती है. इस दिन भोजन में अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जाते हैं. 

गोवर्धन पूजन के उपाय

- संतान प्राप्ति के उपाय

गोवर्धन पूजा के दिन दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से पंचामृत तैयार करें. इसके बाद इसमें गंगाजल और तुलसी दल जरूर मिलाएं. पंचामृत तैयार होने के बाद भगवान कृष्ण को शंख में भरकर पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद "क्लीं कृष्ण क्लीं" मंत्र का 11 बार उच्चारण करें. आपकी संतान प्राप्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

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- सुख-समृद्धि के लिए उपाय 

गोवर्धन पूजा के दिन गाय को स्नान कराकर उसका तिलक करें. उसके बाद उसे फल और चारा खिलाएं और गाय की सात बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से आर्थिक रूप से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी.

गोवर्धन पूजा कथा (Govardhan Puja Katha) 

गोवर्धन पूजा करने के पीछे धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इंद्र का अभिमान चूर करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी. माना जाता है कि इसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वंय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया दिया था. तभी से गोवर्धन पूजा की प्रथा आज भी कायम है और हर साल गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है.

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