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Gupt Navratri 2022 Date: गुप्त नवरात्रि इस दिन से शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

माघ और आषाढ़ में आने वाली गुप्त नवरात्रि के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. गुप्त नवरात्रि, गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें बाधाओं का नाश करने का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. इस बार आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र 30 जून से 08 जुलाई तक रहेंगे.

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Gupt Navratri 2022 Date: गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Gupt Navratri 2022 Date: गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 30 जून से शुरू हो रहे आषाढ़ गुप्त नवरात्रि
  • जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि वर्ष में चार बार मनाई जाती है. दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार सामान्य नवरात्रि. चैत्र और आश्विन नवरात्रि ज्यादा प्रसिद्ध हैं. जबकि माघ और आषाढ़ में आने वाली गुप्त नवरात्रि के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. गुप्त नवरात्रि, गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें बाधाओं का नाश करने का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. इस बार आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र 30 जून से 08 जुलाई तक रहेंगे.

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सामान्य और गुप्त नवरात्रि में क्या अंतर है?
सामान्य नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती हैं. जबकि गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से तांत्रिक पूजा की जाती हैं. गुप्त नवरात्रि का ज्यादा प्रचार नहीं होता है. इसमें अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है. गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होंगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी.

गुप्त नवरात्रि की पूजन विधि
गुप्त नवरात्रि में नौ दिन के लिए कलश स्थापना की जा सकती है. अगर कलश की स्थापना की है तो दोनों सुबह-शाम मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करें. दोनों ही समय आरती करना भी अच्छा होगा. मां को दोनों समय भोग भी लगाएं. सबसे सरल और उत्तम भोग है लौंग और बताशा. मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है. हालांकि इस दौरान मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिल्कुल न चढ़ाएं. पूरे नौ दिन अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें.

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कलश घटस्थापा का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र के लिए कलश स्थापना गुरुवार, 30 जून को सुबह 5 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक कर सकेंगे.

शीघ्र रोजगार की प्राप्ति के लिए
देवी के समक्ष घी का दीपक जलाएं. नौ बताशे लें और हर बताशे पर दो लौंग रखें. अब सारे बताशे एक एक करके देवी को अर्पित करें. यह प्रयोग नवरात्रि की किसी भी रात्रि को करें.

शीघ्र विवाह के लिए 
देवी के समक्ष रोज एक घी का दीपक जलाएं. इसके बाद उनको रोज लाल फूलों की माला अर्पित करें. शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें. यह प्रयोग नवरात्रि की हर रात्रि को करें.

 

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