Guru-mangal conjunction: दो या दो से अधिक ग्रह किसी कुंडली या राशि में जब एक साथ आ जाते हैं, तो ऐसे में ग्रहों की युति बन जाती है. गोचर की तरह ही ग्रहों की युति का प्रभाव भी सभी जातकों के जीवन में काफी बदलाव लेकर आता है. 17 मई को मीन राशि में गुरु-मंगल की युति हो चुकी है. इन दोनों ग्रहों की युति शुभ योगों की श्रेणी में आती है. मंगल-गुरु की ये युति 27 जून 2022 तक रहेगी. इसके बाद मंगल अपनी स्वराशि मेष में गोचर करते हुए मीन से निकल जाएंगे. इस युति से जहां कुछ राशियों के लिए लाभ की स्थिति बन रही है, वहीं कुछ को सावधान रहने की भी जरूरत है. आइए जानते हैं कि गुरु-मंगल की युति का सभी राशियों पर कैसा असर पड़ने वाला है.
मेष- गुरु-मंगल की ये युति आपकी राशि के द्वादश भाव में बनी है. इसके परिणामस्वरूप आपको पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त हो सकेगी. आपके दोस्त-करीबी आपके आस-पास रहना पसंद करेंगे. आपके सलाह-मशवरे को दूसरों से उचित मान-सम्मान मिल सकेगा.
वृषभ- ये युति वृषभ राशि वालों के एकादश भाव में बनी है. इसकी वजह से आप अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति करने में सफल रहने वाले हैं. आपको अपने पिता और बड़े भाई का सहयोग मिलेगा. साथ ही जीवन की कई समस्याओं का हल ढूढ़ने में सफलता में भी मिलेगी.
मिथुन- इस युति का निर्माण मिथुन राशि के कर्म भाव में हुआ है. इसकी वजह से जल्दी धन कमाने के लिए आपके मन में कुछ गलत कार्य करने का भी विचार आ सकता है. करियर में भी आपको सफलता मिलेगी लेकिन इसके लिए आपको बहुत अधिक मेहनत और प्रयास करने की जरूरत होगी.
कर्क- गुरु-मंगल ग्रह ने आपके नवम भाव में युति बनाई है. इसकी वजह से आपका भाग्योदय होगा. आप अलग-अलग माध्यमों से धन अर्जित करने में भी सफल रहने वाले हैं. इसके प्रभाव से कई रुके हुए कार्य भी पूरा होने की संभावना है.
सिंह- गुरु-मंगल ग्रह इस युति का निर्माण आपके अष्टम भाव में हुआ है. इसके प्रभाव से आपके पारिवारिक जीवन में चल रहा अशांत वातावरण शांत होगा. इस योग से आपके संबंधों में सुधार आएगा और आप घर पर रहना पसंद करेंगे.
कन्या- गुरु-मंगल की युति आपके सप्तम भाव में बनी है. इस दौरान आपको थोड़ा सावधानी पूर्वक निर्णय लेने की ज़रूरत होगी. खासतौर से कोई भी ऋण या कर्ज लेते समय किसी बड़े या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
तुला- ग्रहों की ये युति तुला राशि वालों के षष्ठ भाव में बनी है. इसकी वजह से आपके अपने घर के बड़े सदस्यों के साथ संबंध बेहतर हो सकेंगे. साथ ही आप शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों से पहले से अधिक सेहतमंद दिखाई देंगे. करियर में भी आपके शत्रु चाहकर भी आपको हानि नहीं पहुंचा सकेंगे.
वृश्चिक- गुरु-मंगल की युति आपके पंचम भाव में बनी है. इससे आपके प्रेम संबंधों में अनुकूलता आएगी. हालांकि ये स्थिति कुछ जातकों के स्वभाव में क्रोध की वृद्धि भी कर सकती है. इसलिए किसी से भी बातचीत के समय सभ्य भाषा का प्रयोग करना ही आपके लिए अनुकूल रहेगा.
धनु- ये योग धनु राशि के चतुर्थ भाव में बना है. इसकी वजह से अगर आप अपने घर, परिवार या मातृभूमि से कार्यक्षेत्र या शिक्षा के चलते दूर रह रहे हैं तो आपको घर लौटने का कोई अवसर मिल सकता है. सरकारी नौकरी में कार्यरत जातकों को इस युति से पदोन्नति मिलने की संभावना है.
मकर- गुरु-मंगल की ये युति आपके तृतीय भाव में बनी है. इससे आप अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक केंद्रित दिखाई देंगे. हालांकि कुछ जातक जुआ, शेयर बाजार जैसे कार्यों में भी लिप्त हो सकते हैं. इसलिए आपको हर तरह की गैरकानूनी गतिविधियों से दूरी बनाकर रखने चाहिए.
कुंभ- दोनों ग्रहों की ये युति कुंभा राशि के द्वितीय भाव में बनी है. इस कारण आपके अंदर कुछ अहंकार की भावना संभव ह. लेकिन अगर आप शादीशुदा हैं तो आपका जीवनसाथी आपके समर्थन में हमेशा आपके साथ खड़ा दिखाई देगा.
मीन- मीन राशि वालों पर इस युति का खास प्रभाव देखने को मिलेगा, क्योंकि गुरु-मंगल आपकी ही राशि में एक साथ आए हैं. इसके फलस्वरूप आपकी ऊर्जा में बढ़ोतरी देखी जाएगी और आप हर कार्य को जल्दी व आक्रामक तरीके से पूरा करने में सक्षम होंगे. दूसरों के बीच भी आपका आकर्षक व्यक्तित्व आपको लोकप्रिय बनने में मदद करेगा.