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Hariyali Amavasya 2022 Date: हरियाली अमावस्या पर 3 राजयोग, शनि-मंगल-गुरु रहेंगे मेहरबान, जानें मुहूर्त और पूजन विधि

हरियाली अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांत के लिए श्राद्ध, तर्पण करने का भी विधान है. हरियाली अमावस्या इस साल गुरुवार, 28 जुलाई को मनाई जाएगी. ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली अमावस्या पर इस साल तीन राजयोग भी बन रहे हैं.

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Hariyali Amavasya 2022 Date: हरियाली अमावस्या पर 3 राजयोग, शनि-मंगल-गुरु रहेंगे मेहरबान, जानें मुहूर्त और पूजन विधि
Hariyali Amavasya 2022 Date: हरियाली अमावस्या पर 3 राजयोग, शनि-मंगल-गुरु रहेंगे मेहरबान, जानें मुहूर्त और पूजन विधि

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. हरियाली अमावस्या पर दान, स्नान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांत के लिए श्राद्ध, तर्पण करने का भी विधान है. हरियाली अमावस्या इस साल गुरुवार, 28 जुलाई को मनाई जाएगी. ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली अमावस्या पर इस साल तीन राजयोग भी बन रहे हैं.

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हरियाली अमावस्या की तिथि
ज्योतिष गणना के अनुसार, सावन की अमावस्या तिथि बुधवार, 27 जुलाई को रात 09 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी बृहस्पतिवार, 28 जुलाई को रात 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. उदिया तिथि होने के कारण हरियाली अमावस्या 28 जुलाई को ही मनाई जाएगी.

हरियाली अमावस्या शुभ संयोग
ज्योतिषियों की मानें तो इस साल हरियाली अमावस्या पर तीन तरह के राजयोग बन रहे हैं. इस दिन शश, रुचक और हंस राजयोग का निर्माण होने वाला है. ये तीनों ही योग न्याय देव शनि, ग्रहों के सेनापति मंगल और देवगुरु बृहस्पति के संयोग से बनते हैं. इसके अलावा, गुरु-पुष्य योग भी हरियाली अमावस्या की शोभा बढ़ाने आ रहा है. मांगलिक या शुभ कार्य करने के लिए यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है.

हरियाली अमावस्या की पूजन विधि
हरियाली अमावस्या के दिन सवेरे-सवेरे जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान शिव व पार्वती की पूजा करें. इस दिन शादीशुदा महिलाओं को शिव-पार्वती की पूजा करने के बाद सुहाग की सामग्री जरूरतमंदों में बांटनी चाहिए. जैसे कि हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि.

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हरियाली अमावस्या के दिन पूजा और दान-धर्म के कार्यों से सुहाग की आयु लंबी होती है. घर में आर्थिक संपन्नता बढ़ती है. इस दिन पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है. हरियाली अमावस्या पर भगवान को मालपुआ का भोग लगाएं और लोगों में वितरित करें.

 

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