Hazrat Ali Birthday 2022: इस साल हजरत अली का जन्मदिन आज यानी 15 फरवरी को मनाया जा रहा है. इन्हें अली इब्न अबू तालिब के नाम से भी जाना जाता है. फरवरी का महीना हजरत अली के जन्म दिवस को समर्पित है. हजरत अली पैगंबर मोहम्मद के चचेरे भाई और दामाद थे. वो शिया मुसलमानों के पहले इमाम थे, इसलिए इस दिन को इमाम अली के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है. मुस्लिमों समुदाय के लोग हजरत अली को बहुत अधिक सम्मान देते हैं.
हजरत अली का जन्मदिन- हजरत अली का जन्मदिन इस साल 15 फरवरी को है. उनके जन्मदिन की तिथि इस्लामिक कैलेंडर पर निर्भर करती है. हजरत अली का जन्म 599 ईस्वी में इस्लामी महीने रजब के 13वें दिन हुआ था. उनके माता-पिता का नाम अबू तालिब और फातिमा बिन्त असदा था. उनका जन्म मक्का में काबा के पवित्र मैदान परिसर में हुआ था.
माना जाता है कि हजरत अली इस्लाम अपनाने वाले पहले व्यक्ति थे. कई लोग उन्हें पहला मुस्लिम मानते हैं. इस्लाम में उन्हें एक प्रमुख दर्जा प्राप्त है जिन्होंने कई लड़ाइयों में पैगंबर साहब का साथ दिया. हजरत अली ने पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा से शादी की और उनके दामाद बन गए. हजरत अली को उनकी बहादुरी, नैतिकता, ईमानदारी और इस्लाम धर्म के प्रति उनके समर्पण के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें काफी सम्मान देते हैं.
सुन्नी हजरत अली को चौथा रशीदुन खलीफा मानते हैं जबकि शिया उन्हें पैगंबर मोहम्मद के बाद पहला खलीफा और इमाम मानते हैं. शिया और सुन्नी अलग-अलग तरीकों से हजरत अली का सम्मान करते हैं लेकिन दोनों इस बात पर सहमत हैं कि वो एक ईमानदार शासक और एक सच्चे मुसलमान थे.
हजरत अली का शासनकाल- हजरत अली ने साल 661 तक शासन किया. कुफा की महान मस्जिद में प्रार्थना करते समय इब्न मुलजाम ने उनके सिर पर जहरीली तलवार से हमला कर दिया. उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि दो दिनों के भीतर ही वो शहीद हो गए. उनका निधन रमजान के 19वें दिन हुआ था. वर्तमान में कूफा की ये महान मस्जिद इराक में स्थित है.
हजरत अली के जन्मदिन का जश्न- हजरत अली का जन्मदिन भारत और मुस्लिम आबादी वाले देशों में मनाया जाता है. इस्लाम धर्म के लिए हजरत अली की सच्चाई और समर्पण का सम्मान करने के अवसर के रूप में ये विशेष दिन मनाया जाता है. इस दिन लोग एक साथ इकट्ठा होकर मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और हजरत अली की महान उपलब्धियों को याद करते हैं. आज के दिन अच्छी दावत की तैयारी की जाती है और बच्चों को दुनिया में इस्लाम के प्रसार में अली के योगदान के बारे में पढ़ाया जाता है.
मस्जिदों में बढ़ जाती है रौनक- खुशी के इस मौके पर मस्जिदों को खास रौशनी में सजाया जाता है. हजरत अली की उपलब्धियों की बखान के लिए जगह-जगह कव्वाली का आयोजन किया जाता है. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हजरत अली का जन्मदिन अनोखे तरीके से मनाया जाता है.