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Janmashtami 2022: जब भगवान श्रीकृष्ण को करना पड़ा था 16 हजार कन्याओं से विवाह

Janmashtami 2022 Kab Hai: श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार, 18 अगस्त को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की 16,108 पत्नियों और उनके डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र थे.

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Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण की 16,108 पत्नियां और डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र, जानें क्यों करने पड़े थे इतने विवाह
Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण की 16,108 पत्नियां और डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र, जानें क्यों करने पड़े थे इतने विवाह

Shri Krishna Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण का जन्महोत्वस यानी जन्माष्टमी का त्योहार आने वाला है. मथुरा-वृंदावन समेत उत्तर भारत में कई जगहों पर ये त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार, 18 अगस्त को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की 16,108 पत्नियों और उनके डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र थे.

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महाभारत के अनुसार, श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनके साथ विवाह रचाया था. विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणि भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनके साथ विवाह करना चाहती थीं. लेकिन बहुत कम लोगों को ये जानकारी है कि रुक्मणि के अलावा भी श्रीकृष्ण की 16,107 पत्नियां थीं.

जब श्रीकृष्ण को करना पड़ा 16 कन्याओं से विवाह
पुराणों में उल्लेख है कि एक बार भूमासुर नाम के दैत्य ने अमर होने के लिए 16 हजार कन्याओं की बलि देने का निश्चय किया था. लेकिन श्रीकृष्ण ने भूमासुर को यह पाप नहीं करने दिया. उन्होंने सभी कन्याओं को कारावास से मुक्त कराया और उन्हें वापस घर भेज दिया. हालांकि श्रीकृष्ण की यही मदद उन कन्याओं के लिए अभिषाप बन गई. दैत्य के चुंगल से मुक्त होकर जब ये कन्याएं घर वापस पहुंचीं तो समाज-परिवार ने इन्हें चरित्रहीन कहकर अपनाने से इनकार कर दिया. तब भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर एक साथ उनसे विवाह रचाया था.

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हालांकि कुछ कहानियां ऐसी भी हैं जिनमें ये कहा गया है कि समाज से बहिष्कृत होने के डर से इन कन्याओं ने कृष्ण को अपना पति मान लिया था, लेकिन कृष्ण ने कभी उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया.

कालिंदी से विवाह
श्रीकृष्ण जब पांडवों से मिलने के लिए इंद्रप्रस्थ पहुंचे तो युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, द्रौपदी और कुंती ने उनका आतिथ्‍य-पूजन किया. एक दिन अर्जुन को साथ लेकर भगवान कृष्ण वन विहार की तरफ रवाना हुए. अर्जुन और श्रीकृष्ण जिस वन में घूम रहे थे, वहां सूर्य पुत्री कालिंदी उन्हें पति रूप में पाने की तपस्या कर रही थी. कालिंदी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उसके साथ विवाह कर लिया.

कृष्ण की 8 पटरानियां
शास्त्रों में भगवान श्रीकृष्ण की पत्नियों को पटरानियां कहा गया है. ऐसा पौराणिक कथाएं कहती हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां थी जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था. ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र भी थे. उनकी सभी पत्नियों के 10-10 पुत्र थे और एक-एक पुत्री भी उत्पन्न हुई. इस गणना के अनुसार, श्रीकृष्ण 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र और 16 हजार 108 पुत्री थीं.

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