कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. मंदिर में स्पर्श दर्शन पर भी पाबंदी है. भक्तों को सिर्फ झांकी दर्शन से ही संतोष करना पड़ रहा है. मंदिर में प्रवेश को लेकर कोविड के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई थी. खतरा टलने के बाद ही पाबंदी हटाई गई थी. तीसरी लहर के डर से एक बार फिर यही किया गया है.
श्रद्धालु गर्भगृह के बाहर से ही चढ़ावा चढ़ा रहे हैं और अभिषेक भी गर्भगृह के बाहर लगे अरघे से किया जा रहा है. वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि तीसरी लहर में बीमारी का प्रकोप उतना गंभीर नहीं है. लेकिन फिर भी इंफेक्शन रेट तेजी से बढ़ रहा है और वाराणसी भी इससे अछूता नहीं है.
इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने कई प्रतिबंध भी लगाए हैं. कोविड प्रबंधन के साथ भक्तों को दर्शन कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गर्भगृह के अंदर जाकर स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है. यहां सिर्फ झांकी दर्शन ही कराया जा रहा है. आगे प्रदेश सरकार के रेगुलेशन के मुताबिक फैसले लिए जाएंगे.
एक श्रद्धालु विशाल गुप्ता ने बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर रोक के फैसले को स्वागत योग्य बताया है. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में सावधानी से काम लेना ही बेहतर होगा. एक अन्य श्रद्धालु किरण ने कहा कि कोविड की वजह से स्पर्श दर्शन पर रोक लगना अच्छी बात है. कोविड के बाद स्पर्श करने में कोई दिक्कत नहीं है. भगवान सबके लिए हैं.