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'किंगमेकर' बने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के सितारे क्या कह रहे, पंडित शैलेंद्र पांडे ने बताया

लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने बलबूते बहुमत से दूर रह गई और पार्टी को सिर्फ 240 सीटें मिली हैं. हालांकि, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा जरूर पार कर लिया है और उसे 292 सीटें मिली हैं जो बहुमत से 20 ज्यादा है. ऐसे में सरकार बनाने और उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए दोनों ही गठबंधन को नीतीश और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन की जरूरत होगी. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के ग्रह-सितारे क्या कहते हैं, इसको लेकर आजतक ने पंडित शैलेंद्र पांडे से बातचीत की. 

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Nitish Kumar and Chandra Babu Naidu
Nitish Kumar and Chandra Babu Naidu

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद दिल्ली में नई सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. इसको लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने बैठक बुलाई है. वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गंठबंधन भी सरकार बनाने को लेकर संभावनाएं तलाश रहा है. इसको लेकर आज शाम 6 बजे इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक होनी है. इन सबके बीच दो नामों की खूब चर्चा है. एक टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू तो दूसरे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. नतीजे घोषित होने के बाद दोनों किंगमेकर की भूमिका में हैं. फिलहाल ये दोनों एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन दोनों के इंडिया गठबंधन में शामिल होने को लेकर भी तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

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अगर जेडीयू के प्रदर्शन की बात करें तो नीतीश कुमार की पार्टी को बिहार में चुनाव लड़ने के लिए 16 सीटें मिली थीं. इनमें से 12 पर उनकी पार्टी के प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई. वहीं, अगर आंध्र प्रदेश की बात करें तो चंद्र बाबू नायडू की टीडीपी को 16 सीटें मिली हैें. दरअसल, लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने बलबूते बहुमत से दूर रह गई और पार्टी को सिर्फ 240 सीटें मिली हैं. हालांकि एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा जरूर पार कर लिया है और उसे 292 सीटे मिली हैं. लेकिन सरकार बनाने और उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए दोनों ही गठबंधन को नीतीश और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन की जरूरत होगी. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के ग्रह-सितारे क्या कहते हैं, इसको लेकर आजतक ने पंडित शैलेंद्र पांडे से बातचीत की. 

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इस लग्न के चलते नीतीश कुमार की राजनीति में दिखता रहता है परिवर्तन

पंडित शैंलेंद्र पांडे के मुताबिक, नीतीश कुमार की कुंडली की बात करे तो मिथुन लग्न की कुंडली है और वृश्चिक राशि है. जब द्विस्वभाव का लग्न होता है या द्विस्वभाव की राशि होती है तो आप ये अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि आगे क्या होगा. द्विस्वभाव का लग्न या द्विस्वभाव की राशि हमेशा एक से ज्यादा ऑप्शन पैदा कर देती है. नीतीश कुमार जी की राजनीति में जो बार-बार परिवर्तन होते रहते हैं, उसके लिए द्विस्वभाव का लग्न जिम्मेदार है.

अभी की स्थिति देखें तो उनकी राहु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है. शुक्र मिथुन लग्न का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है और उनकी कुंडली में उच्च राशि में बैठा है दशम भाव में अकेला शुक्र उनको किंगमेकर बना रहा है. शुक्रीय स्थितियां दिखा रही हैं कि वो बहुत सारी बार्गेनिंग, बहुत सारी शर्तें और लाइजनिंग के साथ सरकार को समर्थन देंगे. अभी के लिए वो NDA से दूर जाएंगे, इसकी संभावना कम लगती है. ऐसा लगता है कि अभी उनका समर्थन NDA के लिए जारी रहेगा.

क्या कहते हैं चंद्रबाबू नायडू के ग्रह- नक्षत्र

पंडित शैलेंद्र पांडे ने कहा, "अगर हम चंद्रबाबू नायडू की बात करें तो उनका मेष लग्न है और उनकी धनु राशि भी द्विस्वभाव की राशि है. यानी यहां पर भी थोड़ा संदेह बनता है. हालांकि उनकी दशा जो चल रही है, वो चंद्रमा की चल रही है और चंद्रमा की स्थिति की वजह से ऐसा लग रहा है कि उनका समर्थन भी NDA को जारी रहेगा. शपथ तो मोदी जी लेंगे ही, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का समर्थन NDA के साथ जारी रहेगा."

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नीतीश कुमार की कुंडली लग्न और चंद्र कुंडली से ताकतवर

पंडित शैलेंद्र पांडे आगे कहते हैं कि नीतीश कुमार की जो कुंडली है, वो लग्न और चंद्र कुंडली दोनों से बहुत ताकतवर है. दशम भाव में उनके शुक्र मंगल बैठे हैं. मंगल जो है वो इस कुंडली में प्राप्ति का ग्रह है जो दशम भाव में बैठ गया है. यानी हर स्थिति में आपको जीवन में प्राप्ति होती रहेगी.

नवम भाव में उनके बुध और बृहस्पति का कॉम्बिनेशन है, वो भी एक तरीके का बड़ा प्रबल राजयोग है. दशम भाव में शुक्र मंगल की जो युति है, उनके खास तौर से प्राप्ति वाला ग्रह जो उनके दशम भाव में बैठ गया है, वो बार बार उनको प्राप्ति की तरफ ले जाता है या हर चुनाव से उनको कुछ ना कुछ गेन हो, इसकी संभावना बना देता है.

चंद्रबाबू नायडू की कुंडली में बहुत उतार चढ़ाव

पंडित शैलेंद्र पांडे के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू की कुंडली मेष लग्न की है. जो सिंहासन के पद का कारक राजनीति में होता है, वो चतुर्थ भाव का स्वामी होता है जो कि इनका चंद्रमा है. वह नवम भाव में बैठा हुआ है यानी पिता या पिता तुल्य व्यक्ति की राजनीति से आगे बढ़ेंगे लेकिन चंद्रमा आइसोलेटेड है और अकेला बैठा हुआ है. अकेला बैठा हुआ चंद्रमा जीवन में भयंकर उतार-चढ़ाव पैदा करता है. आपको अपयश भी देता है, कारावास भी देता है और सेहत भी बिगाड़ता है. 

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अगर हम वर्तमान समय की बात करें तो वर्तमान में उनकी दशा शनि में चंद्रमा की है. उनका अच्छा समय चल रहा है, लेकिन इस समय में उनको अपने स्वास्थ्य के मामलों पर बहुत ध्यान देना होगा, यह समय उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. हालांकि, चंद्रमा ने दोबारा उनकी वापसी कराई है, वो उनके लिए अच्छा तो है लेकिन आप आगे के लिए ये नहीं कह सकते हैं कि वो लंबे समय तक चमकते रहेंगे. इनकी कुंडली में चंद्रमा की वजह से उतार चढ़ाव बहुत हैं. अभी इनकी भूमिका बढ़िया है. एनडीए के साथ बने रहेंगे लेकिन मोटे तौर पर आने वाले समय में इनको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा.

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