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Magh Month 2025: माघ का महीना आज से शुरू, जानें इस महीने पूजापाठ और दान-पुण्य का महत्व

Magh Month 2025: इस महीने स्नान, दान, व्रत और तप करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यताएं हैं कि माघ माह में श्रीहरि और मां लक्ष्मी की विधिवत उपासना से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है

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 इस बार माघ माह 14 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक रहने वाला है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ माह से जुड़े नियम का पालन करना अधिक आवश्यक होता है.
इस बार माघ माह 14 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक रहने वाला है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ माह से जुड़े नियम का पालन करना अधिक आवश्यक होता है.

Magh Month 2025: आज से माघ माह का शुभारंभ होने जा रहा है. माघ माह सनातन धर्म एक बड़ा ही पवित्र महीना है. इस महीने स्नान, दान, व्रत और तप करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यताएं हैं कि माघ माह में श्रीहरि और मां लक्ष्मी की विधिवत उपासना से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है. आइए आपको इस महीने दान-स्नान के महत्व के बारे में विस्तार से समझाते हैं.

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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार माघ माह 14 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक रहने वाला है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ माह से जुड़े नियम का पालन करना अधिक आवश्यक होता है. इस दौरान कुछ विशेष गलतियां भी करने से बचना चाहिए.

पूजापाठ और दान-स्नान का महत्व

पवित्र स्नान: माघ महीने में गंगा, यमुना, या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. प्रयागराज में हर साल माघ मेला और कुंभ जैसे आयोजनों का मुख्य आकर्षण यही स्नान होता है.

दान-पुण्य: इस महीने दान का विशेष महत्व है. अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, घी या गर्म कपड़डे दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

व्रत और पूजा: इस दिन पूजा, व्रत और दान का विशेष महत्व है. सूर्य देव की पूजा के लिए यह महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्योदय से पहले स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. माघ माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी भी बहुत कल्याणकारी और फलदायी मानी जाती हैं. इस माह में भागवत कथा, रामायण, और गीता का पाठ करना शुभ होता है.

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माघ माह में पड़ने वाले त्योहार:
- षटतिला एकादशी
- प्रदोष व्रत
- मौनी अमावस्या
- वसंत पंचमी
- रथ सप्तमी

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