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Magh Purnima 2022: माघ की महापूर्णिमा आज, सूर्य से शनि तक सभी नवग्रहों की होगी कृपा

इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं और इसलिए इस दिन चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन जल और वातावरण में विशेष उर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है.

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Magh Purnima 2022: कब है माघ की महापूर्णिमा? सूर्य से शनि तक सभी नवग्रहों की होगी कृपा
Magh Purnima 2022: कब है माघ की महापूर्णिमा? सूर्य से शनि तक सभी नवग्रहों की होगी कृपा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • माघ पूर्णिमा पर चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है
  • माघ पूर्णिमा इस साल बुधवार, 16 फरवरी को है

16 फरवरी यानी आज माघ पूर्णिमा मनाई जा रही है. इस दिन नौ ग्रहों की कृपा आसानी से पाई जा सकती है. आज के दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. पूर्णिमा अपने आप में पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं और इसलिए इस दिन चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन जल और वातावरण में विशेष उर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है.

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माघ पूर्णिमा पर कैसे करें उपासना?
सबसे पहले प्रात: काल में स्नान के पहले संकल्प लें. फिर नियमानुसार स्नान करें. स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. साफ वस्त्र या सफद वस्त्र धारण करें और मंत्र जाप करें. मंत्र जाप के बाद इच्छानुसार दान करें. आप जल और फल ग्रहण करके उपवास भी रख सकते हैं 

नौ ग्रहों के लिए नौ दान
सूर्य के कारण हृदय रोग और अपयश की समस्या होती है. इसके निवारण के लिए गुड़ और गेंहू का दान करें. चन्द्रमा के कारण मानसिक रोग और तनाव के योग बनते हैं. इससे बचने के लिए जल, मिसरी या दूध का दान करें. मंगल के कारण रक्त दोष और मुकदमेबाजी की समस्या होती है. इससे बचने के लिए मसूर की दाल का दान करें. बुध के कारण त्वचा और बुद्धि की समस्या हो जाती है. इसके निवारण के लिए हरी सब्जियों और आंवले का दान करना चाहिए.

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बृहस्पति के कारण मोटापा, पाचन तंत्र और लिवर की समस्या हो जाती है. इसके निवारण के लिए केला , मक्का और चने की दाल का दान करें. शुक्र के कारण मधुमेह और आंखों की समस्या होती है. इसके निवारण के लिए घी, मक्खन और सफेद तिल आदि का दान करना चाहिए. शनि के कारण स्नायु तंत्र और लंबी बीमारियां हो जाती हैं. इसके निवारण के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए. राहु-केतु के कारण विचित्र तरह के रोग हो जाते हैं. इसके निवारण के लिए सात तरह के अनाज, काले कम्बल और जूते चप्पल का दान करें.

 

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