Magh Purnima 2025: पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. पूर्णिमा तिथि के स्वामी चन्द्रदेव हैं और इस तिथि पर सूर्य और चंद्रमा समसप्तक होते हैं. इसमें भी माघ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन नौ ग्रहों की कृपा आसानी से पाई जा सकती है. माघ पूर्णिमा के दिन मोती या चांदी धारण करना बहुत शुभ होता है. आइए आपको माघ पूर्णिमा पर स्नान और ग्रहों की शांति के लिए दान का महत्व बताते हैं.
माघ पूर्णिमा की तिथि
माघ मास की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा. उदिय तिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी दिन बुधवार को रखा जाएगा.
माघ पूर्णिमा पर कैसे करें स्नान?
माघ पूर्णिमा की सुबह स्नान के पहले संकल्प लें. फिर शीतल जल से स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. सफेद कपड़े पहनना उत्तम होगा. सूर्य को अर्घ्य दें और मंत्र जाप करें. इस दिन दान करना विशेष फलदायी होता है. जल और फल ग्रहण करके उपवास रखना भी फलदायी माना जाता है. यदि आपके लिए किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
ग्रहों की शांति के लिए क्या दान करें?
ज्योतिष शास्त्र में माघ पूर्णिमा पर ग्रहों की शांति के लिए अलग-अलग चीजों के दान का महत्व बताया गया है. जैसे सूर्य की समस्याओं से मुक्ति के लिए गुड़ और गेहूं का दान करना उत्तम होता है. चंद्रमा की कृपा के लिए जल, मिश्री या दूध का दान करें. मंगल दोष से बचने के लिए मसूर की दाल का दान करें. बुध की समस्याओं से निजात के लिए हरी सब्जियों और आंवले का दान करें.
इसके अलावा, बृहस्पति की समस्याओं से बचने के लिए केले, मक्का और चने की दाल का दान करें. शुक्र की समस्याओं के निवारण हेतु घी, मक्खन और सफेद तिल का दान करें. शनि के कारण होने वाली समस्याओं के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करें. वहीं राहु-केतु के कारण विचित्र तरह के रोग हो जाते हैं. इनसे मुक्ति के लिए सात तरह के अनाज, काले कम्बल और जूते-चप्पल का दान करें.
माघ पूर्णिमा पर बरतें ये सावधानी
माघ पूर्णिमा के दिन स्नान और ध्यान के बाद ही अन्न ग्रहण करना चाहिए. इस दिन उपवास रखना उत्तम होगा. आहार, विहार और आचरण शुद्ध रखें. पूर्णिमा की रात को शिवजी की उपासना जरूर करें. पूर्णिमा की रात को सफेद फूल डालकर चन्द्रमा को अर्घ्य दें.