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Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि पर चारों पहर होगी भगवान शिव की पूजा, जानें मुहूर्त और पूजन विधि

महाशिवरात्रि 2022: 01 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि है. इस दिन मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ रहती है. इस दिन भगवान शिव की मुहुर्त और चार पहर के मुताबिक पूजा करने से मन की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चार पहर की पूजा का मुहूर्त और पूजन विधि क्या है, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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(Image credit:pixabay )
(Image credit:pixabay )
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाशिवरात्रि पर पूजा का काफी महत्व है
  • भगवान शिव की पूजा मुहूर्त के मुताबिक करें

Mahashivratri 2022: आज महाशिवरात्रि के मौके पर हर शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. सुबह से ही भक्तों की शिव मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. इसके अलावा कई लोगों ने घर में भी भगवान शिव की पूजा और अभिषेक किया है. महाशिवरात्रि को फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाते हैं. माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर का प्राकट्य हुआ था और इस दिन उनकी शादी भी हुई थी. अगर कोई महाशिवरात्रि पर मुहुर्त के मुताबिक, पूजा करता है तो उसे काफी लाभ मिलता है और उस पर भगवान शिव की कृपा होती है. आज महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा का भी बड़ा महत्व बताया गया है. तो आइए जानते हैं चार पहर की पूजा का मुहुर्त क्या है और किस तरह से पूजा करें.

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चारों पहर की पूजा का मुहूर्त (Mahashivratri char pahar ki puja)

भगवान शिव की मुहुर्त के मुताबिक पूजा करें

1 मार्च 2022 महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव की चार पहर की पूजा का महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन पहर में पूजा करने से मन की मुरादें पूरी होती हैं और भगवान की कृपा भी होती है. पहर के हिसाब से इस समय पूजा करें

  • पहला पहर : शाम 6.21 से 9.27 तक (मंगलवार) 
  • दूसरा पहर : रात 9.27 से 12.33 तक (मंगलवार)
  • तीसरा पहर : रात 12.33 से 3.39 तक (बुधवार) 
  • चौथा पहर : 3.39 से सुबह 6.45 तक (बुधवार)


महाशिवरात्रि पर चार पहर की ऐसे करें पूजा (Mahashivratri Pujan vidhi)

महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा करने के लिए हर पहर में अलग-अलग चीजों से पूजन करना चाहिए. पहले पहर में दूध, दूसरे पहर में दही, तीसरे पहरे में घी और चौथे पहर में शहद से भगवान शंकर की पूजा करना चाहिए. इसके साथ ही हर पहर में जल से भी भगवान का अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और मन की मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं. बताया जाता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने भी काफी अच्छा माना जाता है. पूजा के साथ भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से और अधिक लाभ मिल सकता है.

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