Makar Sankranti 2025: हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति की तैयारियां शुरू हो गई हैं. पौष मास में पड़ने वाला यह त्योहार तब मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर संक्रांति का यह पर्व अपने धार्मिक महत्व के साथ ही स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन घरों में खिचड़ी बनाई जाती है, जिसके कारण इसे 'खिचड़ी का पर्व' भी कहा जाता है. इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाएगा.
हिंदू वेद-पुराणों में यह बात भी वर्णित है कि यह एक ऐसा त्योहार है, जिस पर साल भर में एक बार सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए आते हैं. ऐसे में इस पर्व का संबंध सूर्य और शनि दोनों से होता है. अगर आप उन लोगों में से हैं, जिनकी कुंडली में सूर्य या शनि की स्थिति खराब है, तो आप मकर संक्रांति पर 5 विशेष तरह के मंत्रों का जाप करके उनकी कृपा पा सकते हैं.
पहला मंत्र- "ओम ऐहि सूर्य सह स्त्रांशों तेजोराशे जग त्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घ्यं नमो स्तुते।।"
मकर संक्रांति पर सूर्य को जल अर्पित करते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. ऐसा करने से आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी.
दूसरा मंत्र- "आदित्यतेजसोत्पन्नं राजतं विधिनिर्मितम्। श्रेयसे मम विप्र त्वं प्रतिगृहेणदमुत्तमम्।।"
मकर संक्रांति के दिन आप आदित्य मंडल ब्राह्मण को दान करने के दौरान आप इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं. कहा जाता है इस मंत्र को बोलने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दोष समाप्त हो जाते हैं और उसके भाग्य में सूर्य सा तेज आ जाता है.
तीसरा मंत्र- "इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।"
इस खास त्योहार पर आप इस मंत्र का जाप करते हुए देवताओं के राजा इंद्र देव और सूर्य देव को धन्यवाद दे सकते हैं. माना जाता है इस मंत्र के उच्चारण से सूर्य और इंद्र दोनों की कृपा मिलती है और फसल की पैदावार अच्छी होती है.
चौथा मंत्र- "ॐ ह्रीं सूर्याय नमः"
यह मंत्र सूर्य देव का बीज मंत्र है, जिसका जाप करने से सूर्य देव बहुत प्रसन्न होते हैं. अगर आप इसका जाप करते हैं, तो आपको उनकी विशेष कृपा मिल सकती है. मकर संक्रांति के दिन इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और स्वास्थ्य भी बेहतर होता है.
पांचवां मंत्र- "सूर्य शक्ति मंत्र: ॐ सूर्याय आदित्याय श्री महादेवाय नमः"
इस मंत्र की मदद से आप सूर्य देव की शक्ति को जागृत कर सकते हैं. सूर्य देव की शक्ति को जागृत कर आपके भीतर आत्मविश्वास आता है और नई ऊर्जा का संचार होता है. इस मंत्र के जाप से नकारात्मकता भी समाप्त होती है.