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Mangala Gauri Vrat 2022: 4 शुभ योग में सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और कथा

मंगला गौरी का व्रत करने से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा, पति की लंबी उम्र और बच्चों की उन्नति की कामना के लिए भी यह व्रत रखा जाता है. इस बार पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई यानी आज है.

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Mangala Gauri Vrat 2022: सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और कथा (Photo: Getty Images)
Mangala Gauri Vrat 2022: सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और कथा (Photo: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज
  • जानें, शुभ मुहूर्त और कथा

सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस दिन माता पार्वती की पूजा का विधान है. मंगला गौरी व्रत करने से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा, पति की लंबी उम्र और बच्चों की उन्नति की कामना के लिए भी यह व्रत रखा जाता है. इस बार पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई यानी आज है.

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मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त
मंगला गौरी व्रत में पूजा के लिए चार शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. सुबह 5 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इसके बाद सुबह 05 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रवि योग रहेगा. सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. फिर दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से रात तक सुकर्मा योग रहेगा. पूजा के लिए यह मुहूर्त अच्छे माने जाते हैं.

मंगला गौरी की व्रत कथा
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, धर्मपाल नाम का एक सेठ था. सेठ धर्मपाल के पास धन की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी. वह हमेशा सोच में डूबा रहता कि अगर उसकी कोई संतान नहीं हुई तो उसका वारिस कौन होगा? कौन उसके व्यापार की देख-रेख करेगा?

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इसके बाद गुरु के परामर्श के अनुसार, सेठ धर्मपाल ने माता पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा उपासना की. खुश होकर माता पार्वती ने उसे संतान प्राप्ति का वरदान दिया, लेकिन संतान अल्पायु होगी. कालांतर में धर्मपाल की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया.

इसके बाद धर्मपाल ने ज्योतिषी को बुलाकर पुत्र का नामांकरण करवाया और उन्हें माता पार्वती की भविष्यवाणी के बारे में बताया. ज्योतिषी ने धर्मपाल को राय दी कि वह अपने पुत्र की शादी उस कन्या से कराए जो मंगला गौरी व्रत करती हो. मंगला गौरी व्रत के पुण्य प्रताप से आपका पुत्र दीर्घायु होगा.

यह व्रत महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र और पुत्र प्राप्ति के लिए करती हैं. सेठ धर्मपाल ने अपने इकलौते पुत्र का विवाह मंगला गौरी व्रत रखने वाली एक कन्या से करवा दिया. कन्या के पुण्य प्रताप से धर्मपाल का पुत्र मृत्यु पाश से मुक्त हो गया. तभी से मां मंगला गौरी के व्रत करने की प्रथा चली आ रही है.

 

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