Mauni Amavasya 2022: 18 जनवरी यानी आज से माघ का महीना शुरू हो रहा है. माघ मास में मौनी अमावस्या भी आती है जो इस बार सोमवार, 1 फरवरी को पड़ रही है. इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई. आइए आपको मौनी अमावस्या का महत्व और इसके नियम बताते हैं.
मौनी अमावस्या के व्रत में मौन धारण करने का विशेष महत्व बताया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मुंह से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है. उससे कहीं गुना ज्यादा पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है. अगर दान से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक बढ़ जाता है और मौन धारण कर व्रत का समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है.
माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. यदि ऐसा मौनी अमावस्या पर किया जाए तो स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. ज्योतिषियों का कहना है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. इसलिए मौनी अमावस्या के दिन लोग स्नान करने के लिए पवित्र नदियों के घाट पर जाते हैं.
मौनी अमावस्या के नियम
मौनी अमावस्या के नियमों की बात करें तो सुबह या शाम को स्नान के वक्त व्रत का संकल्प लें. पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें. साफ कपड़े पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. फिर मंत्र जाप करें और सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करें. चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं.