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Mauni Amavasya 2023: आज है मौनी अमावस्या, गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़

Mauni Amavasya 2023: आज पूरे देश में मौनी अमावस्या का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के दिन स्नान और दान करना सबसे शुभ माना जाता है. वहीं श्रद्धालुओं की गंगा के तट पर भारी भीड़ उमड़ी हुई है. लोग दूर दूर से इस दिन गंगा में स्नान करने आते हैं.

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बक्सर राम रेखा घाट (बिहार)
बक्सर राम रेखा घाट (बिहार)

Mauni Amavasya 2023: माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन मौन रहकर किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है. मौनी अमावस्या पर स्नान करने के साथ-साथ दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 यानी आज मनाई जा रही है. मौनी अमावस्या को शनैश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. 

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मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं से लगाई डुबकी 

मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. वहीं, बक्सर में मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर श्रद्धालुओें की भारी भीड़ उमड़ रही है. राम रेखा घाट में उत्तरायणी गंगा के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. बक्सर (बिहार) के प्रसिद्ध राम रेखा घाट और यूपी के कई जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध मौनी आमवास्या पर आज आस्था की डुबकी लगाई है.

बक्सर राम रेखा घाट

बक्सर के राम रेखा घाट पर बिहार के गोपाल गंज से आए एक श्रद्धालू ने बताया,"मैं गोपाल गंज से आया हूं और मौनी आमवास्या पर बक्सर के रामरेखा घाट पर स्नान करना मेरे लिए गर्व की बात है" . वहीं राम रेखा घाट के पंडित जी ने बताया," आज के दिन उत्तरायणी गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज के दिन श्रद्धालू भारी संख्या में आते हैं और पूजा पाठ करते हैं. हालांकि, बारिश ने कुछ देर खलल जरूर डाला लेकिन श्रद्धालुओं के आगे इसकी भी नहीं चली. राम रेखा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जारी है. 

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बक्सर राम रेखा घाट

मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक, मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 यानी आज सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 22 जनवरी यानी कल रात 02 बजकर 22 मिनट पर होगा. उदया तिथि के मुताबिक, मौनी अमावस्या आज ही मनाई जा रही है.

मौनी अमावस्या पूजन विधि

मौनी अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करने के बाद किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. स्नान करते समय ‘गंगा च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन संनिधिम कुरु’ मंत्र का जप करें. स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में काले तिल, लाल फूल मिलाकर सूर्य को जल अर्ध्य दें और श्रीहरि का ध्यान करते हुए मौन रहने का संकल्प लें. इस दिन तुलसी की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें.

मौनी अमावस्या पर स्नान दान का महत्व

माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. यदि ऐसा मौनी अमावस्या पर किया जाए तो स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. ज्योतिषियों का कहना है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. इसलिए मौनी अमावस्या के दिन लोग स्नान करने के लिए पवित्र नदियों के घाट पर जाते हैं. मौनी अमावस्या के दिन भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य भी देना चाहिए.

(Input- Pushpendra)

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