scorecardresearch
 

Pitru paksha 2021: गया से लेकर वाराणसी तक, इन 7 जगहों पर श्राद्ध करना क्यों है इतना खास?

Pitru paksha 2021: देशभर में वैसे तो कई अलग-अलग स्थानों पर पिंडदान किया जाता है, लेकिन इनमें से कुछ विशेष जगहों पर पिंडदान करना ज्यादा बेहतर माना जाता है. इस बार पितृपक्ष 21 सितंबर से शुरू हुआ है और 6 अक्टूबर तक रहेगा.

Advertisement
X
Pitru paksha 2021: हरिद्वार से जगन्नाथ पुरी तक, इन 7 तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध करना क्यों है इतना खास?
Pitru paksha 2021: हरिद्वार से जगन्नाथ पुरी तक, इन 7 तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध करना क्यों है इतना खास?
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस बार पितृपक्ष 21 सितंबर से 6 अक्टूबर तक रहेंगे
  • श्राद्ध में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान होता है

Pitru paksha 2021: श्राद्ध में देवी-देवताओं और पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पिंडदान मोक्ष प्राप्ति का एक सहज और सरल मार्ग है. देशभर में वैसे तो कई अलग-अलग स्थानों पर पिंडदान किया जाता है, लेकिन इनमें से कुछ विशेष जगहों पर पिंडदान करना ज्यादा बेहतर माना जाता है. इस बार पितृपक्ष 6 अक्टूबर तक रहने वाले हैं.

Advertisement

1. गया- बिहार के फल्गु तट पर बसे गया में पिंडदान का बहुत महत्व है. मान्यता है कि भगवान राम और देवी सीता ने राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए गया में ही पिंडदान किया था. गया को विष्णु का नगर माना गया है. यह मोक्ष की भूमि कहलाती है.

2. हरिद्वार- माना जाता है कि हरिद्वार के नारायणी शिला पर तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है. पितृ पक्ष के दौरान दुनिया भर से श्रद्धालुओं यहां आकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं.

3. वाराणसी- वाराणसी भगवान शिव की बहुत पवित्र नगरी है. दूर-दूर से लोग आकर यहां पर अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं. बनारस के कई घाटों पर अस्थि विसर्जन और श्राद्ध के कर्म कांड किए जाते हैं.

Advertisement

4. बद्रीनाथ- चारों धामों में से एक बद्रीनाथ को श्राद्ध कर्म के लिए महत्‍वपूर्ण माना जाता है. बद्रीनाथ के ब्रह्मकपाल घाट पर श्रद्धालु सबसे ज्‍यादा संख्‍या में पिंडदान करते हैं. यहां से निकलने वाली अलकनंदा नदी पर पिंडदान किया जाता है.

5. इलाहाबाद- संगम पर पितरों का तर्पण करना सबसे उत्तम माना जाता है. यहां पर आकर पिंडदान करने का अलग ही महत्‍व है. इलाहाबाद में पितृपक्ष पर बहुत बड़ा मेला भी लगता है. दूर- दूर से लोग यहां पूर्वजों का श्राद्ध करने के लिए आते हैं.

6. मथुरा- भगवान कृष्‍ण मथुरा में पैदा हुए थे इसलिए इस पवित्र स्थान का पुराणों में बहुत महत्व है. मथुरा में भगवान कृष्‍ण के अनेक धार्मिक स्‍थल मौजूद हैं. यहां पर वायुतीर्थ पर पिंडदान किया जाता है. मथुरा में तर्पण कर लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्‍न करते हैं.

7. जगन्‍नाथ पुरी- चार धाम की यात्रा से पुण्‍य की प्राप्‍ति मानी जाती है. जगन्‍नाथ पुरी (ओडिशा) चार धामों में से एक है. यहां पर पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए पूजा- पाठ किए जाते हैं. पुरी शहर में पिंडदान की एक अलग ही मान्यता है.

 

Advertisement
Advertisement