Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है, जो 25 सितंबर तक रहेगा. 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ इसका समापन होगा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, 15 दिन की इस अवधि में हमारे पूर्वज धरती पर हमें आशीर्वाद देने आते हैं. अक्सर आपने पूर्वजों के सपने में आने की बात जरूर सुनी होगी. स्वप्न शास्त्र के मुताबिक, सपने में पितरों के आने की कोई ना कोई खास वजह जरूर होती है.
सपने में कब और क्यों आते हैं पितृ?
ऐसी मान्यताएं हैं कि मृत्यु होने के बाद जब किसी इंसान की ख्वाहिश अधूरी रह जाती है तो वो अपने वंशजों को सपने में दिखाई देने लगते हैं. ऐसा कहते हैं कि पितृ केवल उन्हीं लोगों को दिखाई देते हैं जो उनकी अधूरी इच्छाओं को पूरा कर पाने में योग्य हैं. जब तक उनकी ये ख्वाहिश पूरी नहीं होती, तब तक उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है. हालांकि ऐसे सपनों का अर्थ पितरों की मुद्रा या भाव पर भी निर्भर करता है.
1. सपने में खुश दिखाई दें पितृ- यदि सपने में आपके पितृ आपको हंसते हुए या खुश दिखाई दें तो ये उनके प्रसन्न होने का संकेत होता है. पितृ जब किसी इंसान से खुश होते हैं तो उनके जीवन की सारी बाधाएं, सारी समस्याएं खुद-ब-खुद समाप्त होने लगती हैं. पितरों का आशीर्वाद मिलने से वे जीवन में बड़ी उपलब्धियां भी हासिल कर सकते हैं.
2. बाल संवारते हुए दिखाई दें पितृ- यदि सपने में पितृ आपको बाल संवारते हुए दिखाई दें तो इसका भी एक खास मतलब होता है. इसका अर्थ है कि आप पर जो मुसीबत आने वाली थी, पितरों ने आपको उससे बचा लिया है. इसे एक शुभ संकेत की तरह समझें.
3. शांत दिखाई दें पितृ- यदि सपने में पितृ आपको शांत मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं तो समझ लीजिए, वे आपसे पूर्णत: संतुष्ट हैं. ये कोई बड़ी खुशखबरी मिलने का भी संकेत हो सकता है. आपको संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है. पेशवर जीवन या करियर के मोर्चे पर कोई बड़ी सफलता भी आपके हाथ लग सकती है.
4. रोते हुए दिखाई दें पितृ- यदि आपको सपने में रोते हुए पितृ दिखाई दे रहे हैं तो ये बहुत ही अशुभ संकेत है. ऐसा होने पर आपको सावधानी बरतनी चाहिए. पितरों का रोना आप पर किसी भारी संकट के आने का संकेत हो सकता है. इसे इग्नोर करने की बजाए पहचानने की जरूरत है. ऐसे में पितरों की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और पिंडदान करना बहुत जरूरी हो जाता है.
पितृ पक्ष 2022 में श्राद्ध की तिथियां
शनिवार, 10 सितंबर 2022- प्रतिपदा (पूर्णिमा) श्राद्ध
रविवार, 11 सितंबर 2022- द्वितीया श्राद्ध
सोमवार, 12 सितंबर 2022- तृतीया श्राद्ध
मंगलवार, 13 सितंबर 2022- चतुर्थ श्राद्ध
बुधवार, 14 सितंबर 2022- पंचमी श्राद्ध
गुरुवार, 15 सितंबर 2022- षष्ठी श्राद्ध
शुक्रवार, 16 सितंबर 2022- सप्तमी श्राद्ध
शनिवार, 18 सितंबर 2022- अष्टमी श्राद्ध
रविवार, 19 सितंबर 2022- नवमी श्राद्ध
सोमवार, 20 सितंबर 2022- दशमी श्राद्ध
मंगलवार, 21 सितंबर 2022- एकादशी श्राद्ध
बुधवार, 22 सितंबर 2022- द्वादशी श्राद्ध
गुरुवार, 23 सितंबर 2022- त्रयोदशी श्राद्ध
शुक्रवार, 24 सितंबर 2022- चतुर्दशी श्राद्ध
शनिवार, 25 सितंबर 2022- अंतिम श्राद्ध (अमावस्या)