Pongal 2025: दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक पोंगल आज से शुरू हो रहा है. इस चार दिवसीय पर्व का आज पहला दिन है. यह त्योहार नई फसल के आगमन और सूर्य देव की पूजा के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान उत्तर भारत में मकर संक्रांति, पंजाब में लोहड़ी और गुजरात में उत्तरायण जैसे प्रमुख त्योहार भी मनाए जाते हैं. तमिलनाडु में पोंगल त्योहार पौष माह के पहले चार दिन में मनाया जाता है. पोंगल के पहले दिन लोग 'भोगी' का त्योहार मनाते हैं. इस दौरान पूरे घर की सफाई की जाती है. इससे पर्यावरण स्वच्छ हो जाता है.
चार दिनों तक चलने वाला पोंगल बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार 14 जनवरी को पोंगल के चार दिवसीय पर्व का पहला दिन है. वहीं 17 को पोंगल पर्व की समाप्ति होती है. पोंगल तमिल संस्कृति और कृषि परंपराओं का प्रतीक है और इसे बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
पोंगल का चार दिवसीय कार्यक्रम
भोगी पोंगल- इस बार 14 जनवरी को भोगी पोंगल है. इस दिन लोग पुराने सामान और बेकार चीजों को जलाकर घर की सफाई करते हैं. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
सूर्य पोंगल- 15 जनवरी को सूर्य पोंगल मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य पूजन के बाद खेतों में नई फसल के पकने की खुशी में खीर जैसी मिठाई (पोंगल) बनाई जाती है. यह चार दिनों में सबसे मुख्य दिन होता है और इसे धूमधाम से मनाया जाता है.
मट्टू पोंगल- 16 जनवरी को पोंगल पर्व का तीसरा दिन है. यह दिन मवेशियों या खेत के कार्यों में काम आने वाले गाय-बैलों को समर्पित है. इस दिन इन मवेशियों की पूजा होती है और उन्हें विशेष भोजन खिलाया जाता है.
कानूम पोंगल- 17 जनवरी को कानूम पोंगल मनाया जाएगा. पोंगल का आखिरी दिन कानूम पोंगल के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं और सामाजिक समारोहों का आयोजन करते हैं.