Pope Francis Death: दुनिया में शांति, प्यार और इंसाफ की बात करने वाले कैथोलिक चर्च के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन से पूरी दुनिया दुखी है. 21 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस ने अंतिम सांस ली थी. पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देने के लिए 22 , 23 और 26 अप्रैल को तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. राजकीय शोक के दौरान 22 और 23 अप्रैल को पूरे देश में सभी सरकारी इमारतों पर तिरंगा झंडा आधा झुका दिया गया. अब 26 फरवरी को भी ऐसा ही किया जाएगा. सभी सरकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को टाल दिया गया.
अब तीसरा शोक दिवस 26 अप्रैल को मनाया जाएगा, जिस दिन पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार होगा. इस दिन भी तिरंगा झंडा आधा झुका रहेगा और देश में कोई सरकारी या मनोरंजन से जुड़ा कार्यक्रम नहीं किया जाएगा.
पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था. वे साल 2013 में पोप बने और इतिहास में पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने जिन्होंने चर्च का नेतृत्व किया. वे अपनी सादगी भरी जिंदगी, इंसानों से जुड़े मुद्दों पर साफ सोच और गरीबों की आवाज बनने के लिए दुनियाभर में पसंद किए गए. उन्होंने पर्यावरण को बचाने, धर्मों के बीच भाईचारा बढ़ाने और दुनिया में शांति फैलाने के लिए हमेशा काम किया.
वेटिकन में होगा अंतिम संस्कार
26 अप्रैल को पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार वेटिकन सिटी में किया जाएगा. इस मौके पर दुनिया भर से धर्मगुरु, बड़े नेता और खास लोग शामिल होंगे. भारत की तरफ से भी एक खास प्रतिनिधि वहां जाएगा और देश की ओर से उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देगा. 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस पिछले कुछ समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें हाल ही में डबल निमोनिया हो गया था और कई दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था. हालांकि कुछ समय बाद वे घर लौट आए थे, लेकिन बीमारी से पूरी तरह ठीक नहीं पाए.