Pradosh Vrat 2024: हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. प्रदोष व्रत जब रविवार को पड़ता है तो इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है. रवि प्रदोष के दिन भगवान सूर्य और भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, जिससे हमें उत्तम स्वास्थ्य का वरदान मिलता है. रवि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम को सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है है. आज मई माह का पहला प्रदोष व्रत है. आइए प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा का शुभ महुर्त जानते हैं.
रवि प्रदोष व्रत पूजन विधि
रवि प्रदोष व्रत के दिन स्नानादि के बाद साफ हल्के रंग के कपड़े पहनें. भगवान शिव के सामने घी का दीया जलाएं और 108 बार ओम नम: शिवाय मंत्र जाप करें. शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत (दूध दही घी शहद और शक्कर) से स्न्नान कराएं उसके बाद शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें. भगवान शिव को सफेद चावल की खीर का भोग लगाएं. आसन पर बैठकर शिवाष्टक का पाठ करें तथा सारे विघ्न और दोषों को खत्म करने की प्रार्थना भगवान शिव से करें.
पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम माना जाता है. 5 मई को रवि प्रदोष व्रत के दिन शाम 06 बजकर 55 मिनट से लेकर रात 9 बजे तक प्रदोष व्रत की पूजा कर सकते हैं.
शिव-सूर्य की पूजा से रहेंगे निरोगी
सूर्य प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठे स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें. सूर्य नारायण को तांबे के लोटे से जल में कुमकुम, शक्कर और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें. फिर अर्घ्य दिए जल का छींटा अपने माथे पर लगाएं. दिनभर भगवान शिव के मंत्र 'ओम नमः शिवाय' का मन ही मन जाप करें और निराहार रहें. शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत से स्न्नान कराएं. साबुत चावल की खीर और फल भगवान शिव को अर्पण करें. वहीं, आसन पर बैठकर पंचाक्षरी स्तोत्र का पाठ करें. भगवान शिव की कृपा से आप हमेशा निरोगी रहेंगे.
रवि प्रदोष व्रत पर धन संपत्ति का वरदान
सूर्य प्रदोष व्रत के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करें तथा भगवान सूर्य को नमस्कार करें. पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके लाल आसन पर बैठे तथा एक तांबे के लोटे में जल भरकर रखें. शुद्ध तांबे के दीये में गाय का घी भरकर कलावे की बाती लगाकर जलाएं. अब भगवान गणपति को नमस्कार करें और सूर्य स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. अपने घर में धन-संपत्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण से प्रार्थना करें. ऐसा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.
रवि प्रदोष व्रत पर करें ये महाउपाय
सूर्य प्रदोष व्रत के दिन नमक का सेवन बिल्कुल न करेंय. घर का मीठा भोजन नेत्रहीन लोगों को अवश्य खिलाएं. अपने घर की पूर्व दिशा को साफ करके वहां पर एक दीपक जलाएं और गायत्री मंत्र का 27 बार जाप करें. कुशा के आसन पर बैठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और पाठ के बाद अपने पिता या पिता की उम्र के समान व्यक्ति के चरण स्पर्श करें.