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Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन पर राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर ना हों ज्यादा परेशान, पंडितों ने बताई खास वजह

Raksha Bandhan 2022 Kab Hai: रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अगर शुभ मुहूर्त में बांधा जाए तो उसका भाग्योदय होता है. लेकिन व्यस्तता के चलते हर किसी के लिए शुभ मुहूर्त में राखी बांधना संभव नहीं हो पाता है. अब सवाल उठता है कि अगर रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त निकल जाए तो क्या करें.

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Raksha Bandhan 2022: 11 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त निकल जाए तो क्या करें? (Photo: Getty Images)
Raksha Bandhan 2022: 11 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त निकल जाए तो क्या करें? (Photo: Getty Images)

रक्षाबंधन का त्योहार इस साल गुरुवार, 11 अगस्त को सेलिब्रेट किया जाएगा. ज्योतिषविद कहते हैं कि राखी के इस पर्व में भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अगर शुभ मुहूर्त में बांधा जाए तो उसका भाग्योदय होता है. लेकिन व्यस्तता के चलते हर किसी के लिए शुभ मुहूर्त में राखी बांधना संभव नहीं हो पाता है. अब सवाल उठता है कि अगर रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त निकल जाए तो क्या करें. इस पर ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी ने विस्तार से जानकारी साझा की है.

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ज्योतिषाचार्य ने बताया कि रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन पूर्णिमा तिथि शुरू होने के बाद और पूर्णिमा तिथि खत्म होने तक किसी भी समय राखी बांध सकते हैं. इसमें शुभ मुहूर्त बीत जाने की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि एक बार जब किसी शुभ अवसर पर मुहूर्त जागृत हो जाता है तो वो रात्रिकाल तक सक्रिय रहता है. इसलिए सुबह या दोपहर का शुभ मुहूर्त बीत जाने की चिंता ना करें. भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का पुण्य आपको मिलेगा ही मिलेगा.

मुहूर्त निकलने के बाद कैसे मनाएं रक्षाबंधन?
पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि शुभ मुहूर्त बीत जाने के बाद भी भाई को रक्षासूत्र बांधा जा सकता है. इसमें केवल पूर्णमासी तिथि होना अनिवार्य है. बाकी चीजों का खास महत्व नहीं होता है. आप सूर्योदय से लेकर पूर्णमासी समाप्त होने तक किसी भी समय विधिवत राखी बांध सकती हैं.

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उदाहरण के लिए, रक्षाबंधन पर सुबह 11 बजकर 24 मिनट से अभिजीत मुहूर्त आरंभ होगा. यह मुहूर्त करीब सवा घंटे रहेगा. अगर इस मुहूर्त काल में आप राखी बांधने से चूक जाते हैं तो पूर्णिमा तिथि की रात तक किसी भी समय राखी बांध सकती हैं.

ज्योतिषाचार्य ने उदाहरण देते हुए कहा, 'कुंभ क्षेत्र में अगर ब्रह्मकुंड से जल निकलकर आगे भी बढ़ जाए तो वह पुण्यदायी ही रहता है. नारायण के चरणों से गंगा निकलने के बाद वो सारी जगहों पर पुण्यदायी ही रहती है.' इसी प्रकार कोई शुभ मुहूर्त एक बार जागृत हो जाए तो वो रात्रि तक सक्रिय रहता है. इसलिए रक्षाबंधन पर शुभ मुहूर्त बीतने की चिंता ना करें. आप पूर्णिमा तिथि रहते किसी भी समय भाई को राखी बांध सकती हैं.

 

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