Sakat Chauth 2022 Date: सकट चौथ को कई जगहों पर संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. बहुत से लोग इसे तिलकुट चौथ के नाम से भी जानते हैं. इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं. सकट चौथ के दिन तिल और गुड़ से बनी चीजें बनाई जाती हैं और इन्हीं का भगवान गणेश को भोग लगाया जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के अनुसार सकट चौथ की पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए. जाने-अनजाने की गई गलतियों की वजह से पूजा और व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है.
सकट चौथ के दौरान न करें ये गलतियां (Sakat Chauth 2022 mistakes to avoid)
1. गणपति को तुलसी न चढ़ाएं- सकट के दिन गणेश जी के पूजन में भूल कर भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी जी का विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया था. जिसके बाद तुलसी जी ने गणेश जी को दो विवाह का श्राप दिया था, तो वहीं गणेश जी ने तुलसी जी का विवाह एक राक्षस के साथ होने का श्राप दिया. इसके बाद गणेश पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है.
2. मूषक को ना सताएं- सकट व्रत रख रहें तो इस दिन भूल से भी गणेश जी की सवारी मूषक यानि चूहे को सताना नहीं चाहिए. ऐसा करने से गणेश जी नाराज हो सकते हैं.
3. काले रंग के कपड़े न पहनें- सकट व्रत करते समय महिलाएं भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें. इस दिन पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ फल दायक होता है.
4- पैरों पर नहीं पड़ें अर्घ्य के छीटें- सकट पूजा में चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दिया जाता है, लेकिन अर्घ्य देते समय ध्यान दें कि अर्घ्य के जल की छींटे पैरों पर नहीं पड़नी चाहिए.
सकट चौथ पूजा विधि (Sakat Chauth 2022 Puja Vidhi)
सकट चौथ के दिन सुबह उठकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें. पूजा के समय माता लक्ष्मी की भी मूर्ति ज़रुर रखें. दिनभर निर्जला उपवास करें. रात में चांद को अर्घ्य दें, गणेश जी की पूजा कर फिर फलहार करें. संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाएं, सेंधा नमक का भी सेवन ना करें. इस दिन की पूजा में गणेश मंत्र का जाप करना बेहद फलदाई बताया गया है. गणेश मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करना भी बेहद शुभ होता है. गणेश जी को लड्डू बेहद पसंद होते हैं. ऐसे में इस दिन की पूजा में अन्य भागों के साथ आप बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं. लड्डू के अलावा इस दिन गन्ना, शकरकंद, गुड़, तिल से बनी वस्तुएं, गुड़ से बने हुए लड्डू और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है.