scorecardresearch
 

Sawan 2022: सावन के दूसरे शनिवार बन रहा ये खास संयोग, आज ऐसे करें शिव-शनि की पूजा

ज्योतिषियों की मानें तो सावन में हर शनिवार का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन शिव और शनि की कृपा एकसाथ मिलती है. सावन का दूसरा शनिवार 23 जुलाई को है और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. 23 जुलाई को शाम 7 बजकर 3 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.

Advertisement
X
Sawan 2022: सावन के दूसरे शनिवार बन रहा खास संयोग, आज शाम इस विधि से करें शिव-शनि की पूजा
Sawan 2022: सावन के दूसरे शनिवार बन रहा खास संयोग, आज शाम इस विधि से करें शिव-शनि की पूजा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सावन का दूसरा शनिवार आज
  • सावन के शनिवार बन रहा ये शुभ संयोग

सावन शिव की भक्ति का महीना है. ज्योतिषी कहते हैं कि इस पूरे महीने भक्तों पर महादेव की कृपा बनी रहती है. लेकिन सावन में शनि उपासना का भी अनंत लाभ है. ज्योतिषियों की मानें तो सावन में हर शनिवार का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन शिव और शनि की कृपा एकसाथ मिलती है. सावन का दूसरा शनिवार, 23 जुलाई को है और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. 23 जुलाई को शाम 7 बजकर 3 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.

Advertisement

सावन के शनिवार का महत्व
सावन के महीने के अधिष्ठाता भगवान शिव हैं जो कि शनिदेव के गुरु हैं. सभी ग्रहों और समय को नियंत्रित करने के कारण उन्हें महाकाल कहा जाता है. शनि की कुदृष्टि और पीड़ा से केवल भगवान शिव या उनके अंशावतार हनुमान जी ही बचा सकते हैं. इसलिए अगर सावन में शनिदेव की उपासना की जाती है तो न केवल शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है, बल्कि विशेष फल भी प्राप्त होता है.

सावन के शनिवार शनि की पूजा
सावन के शनिवार सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके भगवान शिव की उपासना करें. फिर शाम के समय शनि देव के मंदिर जाएं और वहां सरसों के तेल का दीपक जलाएं. अगर पास में शनि देव मंदिर नहीं है तो पीपल के पेड़ के समझ सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक जलाने के बाद भगवान शंकर के पंचाक्षरी मन्त्र का जाप करें. इसके साथ ही शनि देव के मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का भी जाप करें.

Advertisement

इसके बाद भगवान शनि से प्रार्थना करें कि वो आपके जीवन की सभी समस्याओं को दूर करें और सभी दोषों से भी छुटकारा दिलाएं.
सावन के महीने के हर शनिवार को छाया पात्र का दान करें. ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन में आने वाले प्रत्येक शनिवार को छाया पात्र का दान करता है, उसे शनि देव मनचाहा फल प्रदान करते हैं.

शनि उपासना से मिलेगा महावरदान
कुंडली में शनि के कारण संतान बाधा आ रही हो तो शनि प्रदोष को पूजा करना विशेष फलदायी होता है. अगर संतान पक्ष से सुख नहीं मिल रहा हो तो भी शनि पूजा से लाभ होता है. अगर विशेष उपाय किये जाएं तो शनि संबंधित सारे दोष सावन के इस शनिवार को समाप्त किए जा सकते हैं. अगर शनि की मारक दशा चल रही हो तो भगवान शिव और शनि की संयुक्त उपासना से चमत्कारिक लाभ होगा. सावन के शनिवार के दिन शनिदेव के निमित्त किया गया दान कभी निष्फल नहीं होता.

 

TOPICS:
Advertisement
Advertisement