गुरु देव बृहस्पति और ग्रहों के सेनापति शनि अभी वक्री चाल चल रहे हैं. बृहस्पति 29 जुलाई और शनि 5 जून से वक्री हैं. बृहस्पति 23 नवंबर तक उल्टी चाल चलेंगे. जबकि शनि की उल्टी चाल 23 अक्टूबर तक रहेगी. इस वक्रत्व का असर देश-दुनिया पर पड़ेगा. खासतौर से संतान और विवाह के मामले प्रभावित होंगे. आइए जानते हैं शनि-गुरु की उल्टी चाल कैसे लोगों को प्रभावित करेगी और राशियों पर इनका कैसा प्रभाव पड़ेगा.
संतान से जुड़े मामलों पर कितना असर?
शनि-गुरु के वक्री होने के बाद जिन लोगों को संतान नहीं हो पा रही थी, उनके संतान के योग मजबूत होते जाएंगे. संतान से जुड़ी चिंताएं भी अब कम होंगी. मेष, वृष, मिथुन, कर्क, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले संतान के मामले में विशेष लाभ पाएंगे. मेष, मिथुन, तुला और धनु राशि में संतान का योग भी बनेगा.
विवाह संबंघी मामलों पर असर
वैवाहिक जीवन में थोड़ी समस्याएं बढ़ेंगी. हालांकि बहुत सारे अविवाहित लोगों विवाह भी तय हो सकता है. मेष, वृष, सिंह, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि के लोगों की बात पक्की हो सकती है. कर्क, सिंह और कुंभ राशि में विवाह के काफी मजबूत योग बन रहे हैं.
अलग-अलग राशियों पर असर
मेष- करियर और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा
वृष- नए कार्य की शुरुआत और लाभ के योग हैं
मिथुन- स्थान परिवर्तन के मजबूत योग बन जायेंगे
कर्क- स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का ध्यान रखना होगा
सिंह- विवाह और कारोबार के मामले में सफलता मिलेगी
कन्या- स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन का विशेष ध्यान रखें
तुला- शिक्षा और संतान के मामले में लाभ होगा
वृश्चिक- स्थान परिवर्तन और संपत्ति लाभ के योग बनेंगे
धनु- करियर में बड़ी सफलता, पद प्रतिष्ठा का लाभ
मकर- संपत्ति और करियर की स्थिति में बदलाव
कुंभ- स्वास्थ्य और मन का ध्यान रखें
मीन- अवसाद और चिंताओं से बचाव करें
वक्री शनि-गुरु परेशान कर रहे तो क्या करें?
रोजाना सुबह-सुबह हल्दी मिला हुआ जल सूर्य देव को अर्पित करें. प्रातःकाल बृहस्पति और शनि देव के मंत्र का जप करें. बृहस्पतिवार को केले और शनिवार को काले तिन का दान करें. इसके अलावा, पूर्ण सात्विकता का पालन करें.