शादी-विवाह का मौसम आ चुका है और इस बीच दो बड़े ग्रह सूर्य और बृहस्पति का राशि परिवर्तन भी होने वाला है. ज्योतिषविदों के मुताबिक, 16 नवंबर को सूर्य अपनी नीच की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेगा, जबकि 20 नवंबर को बृहस्पति कुंभ राशि में गोचर करेंगे. इन ग्रह गोचर के फेर से होने वाली शादियां भी प्रभावित होंगी. आइए जानते हैं शादी-विवाह के बीच ग्रहों की ऐसी स्थिति में किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
सूर्य अपना राशिचक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लेता है. सूर्य गोचर के कुछ अच्छे नतीजे होते हैं तो कुछ बुरे परिणाम भी होते हैं. शादी-विवाह के बीच वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर बेहद शुभ माना जा रहा है. यह गोचर दोपहर को करीब 1 बजकर 23 मिनट पर होगा. इस दिन द्वादशी होगी. इस शुभ तिथि में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है.
शनि का अशुभ योग खत्म
सूर्य का यह राशि परिवर्तन एक और मायने में खास माना जा रहा है. दरअसल इस गोचर से शनि की दृष्टि से बन रहा अशुभ योग भी खत्म होगा. इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग है और सूर्य बृहस्पति के नक्षत्र में रहेगा. सूर्य-गुरु की ऐसी युति बेहद शुभ होती है. यह दिन खरीदारी और मांगलिक कार्यों के लिए भी शुभ रहेगा.
हिंदू धर्म में वृश्चिक को मंगल प्रधान राशि माना जाता है. इसके साथ सूर्य की युति विवाह के रास्ते खोलती है और इस बार ऐसा ही संयोग बनने जा रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार, नवंबर-दिसंबर के बीच बन रहे शुभ संयोग से दांपत्य जीवन में सुख और लाभ की स्थिति बनेगी. सूर्य गोचर और सर्वार्थसिद्धि योग के अलावा अगहन का महीना भी शादियों के लिए बेहद शुभ रहेगा.
सर्वार्थसिद्धि योग में बृहस्पति का गोचर
अगहन का महीना शनिवार, 20 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इसी दिन दांपत्य सुख और मांगलिक कार्यों का प्रधान ग्रह गुरु का राशि परिवर्तन होगा. सर्वार्थसिद्धि योग में बृहस्पति का राशि परिवर्तन फलदायी माना जाता है. इस दौरान धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी पूजन बहुत शुभ होता है. यदि इस महीने विधि-विधान से पूजा की जाए तो अविवाहितों के रिश्ते भी तय हो सकते हैं. इस दौरान गाय को गुड़ खिलाना और केले के पेड़ की पूजा करने से भी बड़ा लाभ होता है.