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Sonam Kapoor' Son Name: सोनम कपूर ने अपने बेटे का ऐसा नाम क्यों रखा? जानें वजह

बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस सोनम कपूर अभी हाल ही में मां बनी है. सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने बताया कि उनके बेटे का नाम वायु आहूजा है. आगे के पोस्ट में बताया कि इस नाम का महत्व क्या है. क्यों उन्होंने ये नाम रखा. आइए जानते हैं कि वायु देवता का महत्व क्या है. किन धार्मिक ग्रंथों में वायु देवता का जिक्र है.

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सोनम कपूर और आनंद आहूजा
सोनम कपूर और आनंद आहूजा

हाल ही में बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस सोनम कपूर मां बनी है. सोनम और आनंद आहूजा का बेटा 20 सितंबर को एक महीने का हो गया. सोनम ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उन्होंने अपने बेटे का नाम वायु आहूजा रखा है. साथ ही सोनम ने सोशल मीडिया पर इस बात का जिक्र भी किया कि उन्होंने अपने बेटे का नाम वायु क्यों रखा. 

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उन्होंने पोस्ट में कहा कि, "हमारी जिंदगी में नई सांस ने जन्म लिया है. जो कि भगवान हनुमान और भीम की तरह हमारी ताकत और हिम्मत का प्रतीक है. सभी से अपने बेटे वायु कपूर आहुजा के लिए बस आशीर्वाद चाहते हैं. हिंदू धर्म में वायु पांच तत्वों में से एक तत्व माना जाता है. इसीलिए, हमने अपने बेटे का नाम वायु रखा. वायु सांस के देवता हैं और हनुमान, भीम और माधव के पिता हैं. वायु जीवन है, जो ब्रह्मांड में जीवन और बुद्धि के शक्तिशाली मार्गदर्शक माने जाते हैं. प्राण, इंद्र, शिव और काली सभी देवता वायु से संबंधित हैं. वह जीवों में उतनी ही आसानी से प्राण डाल सकते हैं, जितनी आसानी से वह बुराई को नष्ट कर सकते हैं. वायु को वीर, बहादुर और मंत्रमुग्ध करने वाला कहा जाता है. "

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हिंदू धर्म में वायु देवता का महत्व

वायु, जिसे मारुत के नाम से भी जाना जाता है. ये महान पांडव भीम के पिता और भगवान हनुमान के आध्यात्मिक पिता थे. ये भी वैदिक देवताओं में से एक हैं जिनकी हर दिन पूजा की जाती है. उन्हें गंधर्व का राजा भी कहा जाता है, जो पहाड़ों में निवास करते हैं. वेदों में वायु को अंतरिक्ष का देवता माना गया है. 

ग्रंथों में वायु देवता का महत्व

हिंदू शास्त्रों में, वायु के देवता को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि कोई भी जीवन भगवान वायु के आशीर्वाद के बिना जीवित और विकसित नहीं हो सकता है. बृहदारण्यक उपनिषद के अनुसार, वायु को सबसे शक्तिशाली और श्रेष्ठ देवता माना जाता है क्योंकि उनका नाम सांस के अर्थ का प्रतीक है जो मानव अस्तित्व के लिए काफी आवश्यक है. ऋग्वेद में कहा गया है कि विश्वपुरुष की श्वास से वायुदेव उत्पन्न हुए. 

वायु देवता के नाम

भगवान वायु का नाम विभिन्न हिंदू देवताओं अर्थात सूर्य, वायु और अग्नि के नाम पर रखा गया है. उन्हें विभिन्न अर्थों के रूप में भी जाना जाता है जैसे वात और पवन जिसका अर्थ है शुद्धता और प्राण का अर्थ है जो दूसरों को सांस देता है. वायु के कुछ अन्य नाम हैं: मारुत, अनिला, पवन आदि. 

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वायु देव का स्वरूप

वेदों के अनुसार वायु देव का स्वरूप सुंदर और मनोहारी है. वायु देवता की खूबी यह है कि इनके सहस्त्र यानि हजार नेत्र हैं. वह एक अद्भुत प्रकाशमान रथ पर विराजमान होते हैं. इस रथ को हजार अश्वों का एक दल खींचता है. वायु देवता के अंश से उत्पन्न अनेक संतानों का वर्णन ग्रंथों में मिलता है. इनमें हनुमान, भीमसेन (पांच पांडवों में से एक), इला इन्हीं की संतान मानी गई हैं. वायु देवता की उपासना का बड़ा महत्व है. इनकी उपासना करने से संतान की प्राप्ति तो होती ही है. साथ ही उपासक को जीवन में यश भी प्राप्त होता है. ऋग्वेद में ऐसा भी कहा गया है कि ये शत्रुओं को भगाते हैं और निर्बलों की रक्षा करते हैं.

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